नीतीश ने कर ली 'Son'Rise की तैयारी, बिहार में बेटे की पॉलिटिकल एंट्री के लिए बिछाई ऐसी बिसात
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नीतीश ने कर ली 'Son'Rise की तैयारी, बिहार में बेटे की पॉलिटिकल एंट्री के लिए बिछाई ऐसी बिसात

Bihar CM son Nishant Kumar political entry: बिहार CM नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. 9 साल बाद CM हाउस में शनिवार को होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी एक तस्वीर ने पूरी बिहार की राजनीति में हल्ला मचा दिया. जानें कैसे कभी परिवार वाद पर हमला करने वाले नीतीश कुमार अब अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ाने जा रहे हैं. समझे समीकरण. 

नीतीश ने कर ली 'Son'Rise की तैयारी, बिहार में बेटे की पॉलिटिकल एंट्री के लिए बिछाई ऐसी बिसात

Nitish Kumar Son Nishant Kumar News: बिहार में इन दिनों सियासत में भूचाल मचा हुआ है. चारों तरफ इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो राजनीतिक वंशवाद के बहुत कड़े आलोचक रहे हैं, अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में उतारने वाले हैं. नीतीश कुमार जो कई सालों से वंशवाद की राजनीति पर अपने प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद पर हमला करते रहें हैं. उनपर पत्नी, बेटों और बेटियों को राजनीति में आगे बढ़ाने की आलोचना करते रहे हैं. लेकिन समय के साथ अब नीतीश कुमार खुद अपने बेटे के लिए राजनीति की जमीन तैयार कर रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में नीतीश परिवारवाद का मुद्दा इस चुनाव में खो देंगे. आइए जानते हैं कि आखिर कैसे निशांत कुमार जो लगभग दो दशकों से राजनीतिक चकाचौंध से दूर रहे हैं, अपने पिता की मदद करने के लिए आखिरकार मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं. 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ हालिया घटनाक्रमों पर नजर डाली जाए तो इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के बेटे निशांत चुनावी मैदान में बैटिंग करते हुए दिख सकते हैं.

होली के दिन निशांत की JDU के टॉप लीडरों से मुलाकात
होली के दिन मुख्यमंत्री आवास पर निशांत कुमार ने कई वरिष्ठ जेडीयू नेताओं से मुलाकात की थी. यह पहला मौका था जब निशांत ने इतने बड़े पैमाने पर राजनीतिक हस्तियों से खुलेआम मुलाकात की.होली की बधाई देने वाले भी नीतीश के बाद निशांत के पास ही जा रहे थे. यह पहली बार हो रहा था, जब नीतीश की उपस्थिति में उनके पुत्र राजनीतिक उत्तराधिकारी की तरह सक्रिय नजर आए. माना गया कि नीतीश कुमार भी निशांत की दल में स्वीकार्यता की परख कर रहे हैं. फिर पटना में जनता दल (यूनाइटेड) कार्यालय के बाहर एक बड़ा होर्डिंग दिखाई दिया, जिसमें उनके बेटे निशांत अपने पिता के साथ थे. पोस्टर, जिसमें निशांत कुमार को नीतीश कुमार के बगल में प्रमुखता से दिखाया गया था और पोस्टर पर लिखा था, "बिहार की मांग, सुन लीजिए निशांत, बहुत बहुत धन्यवाद" (निशांत, बिहार की मांगों को सुनने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद).

निशांत के राजनीति में नेतृत्व की मांग
मोटे तौर जदयू की कतारों से मांग हो रही है कि निशांत जदयू की नेतृत्वकारी भूमिका में आ जाएं. जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी भी निशांत की राजनीतिक सक्रियता को अस्वीकार नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तय करना है कि जदयू में निशांत की क्या भूमिका होगी. जाहिर है, बिहार की मांग से ज्यादा यह जेडी(यू) नेताओं के एक वर्ग की मांग है, जो शायद नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर विपक्ष के लगातार हमलों से चिंतित हैं. उनका मानना ​​है कि निशांत की भागीदारी पार्टी को मजबूत कर सकती है और नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा सकती है.

मंत्री विजय चौधरी और संजय झा के साथ निशांत की तस्वीर चर्चा में
होली के दिन की एक तस्वीर भी चर्चा में है. इसमें निशांत मंत्री विजय चौधरी और जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा के बीच में खड़े हैं. निशांत की इस तस्वीर के बाद राजनीतिक गलियारों में उनकी राजनीतिक एंट्री की चर्चाएं और तेज हो गई हैं.

होली वाली फोटो के बाद JDU दफ्तर के बाहर पोस्टर
होली के बाद पटना में जेडीयू के पोस्टरों ने इस अटकल को और हवा दे दी है. पोस्टरों पर लिखा है, 'बिहार की मांग सुन लिए निशांत'. पार्टी नेताओं का मानना है कि निशांत कुमार पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.

जनवरी महीने में पिता के लिए वोट मांगना: इस साल जनवरी में नीतीश अपने बेटे के साथ एक राजनीतिक समारोह में सार्वजनिक रूप से नज़र आए थे. इस समारोह में, निशांत ने अपनी पहली राजनीतिक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने अपने पिता के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में अपने पिता के लिए वोट मांगे थे. निशांत ने यह भी बताया कि राज्य की प्रगति और विकास के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व को जारी रखने के लिए जेडी(यू) को अधिक सीटों की आवश्यकता क्यों है.

बीजेपी का समर्थन: नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा जिसने विपक्ष पर हमला करने के लिए वंशवाद की राजनीति को अपने सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक के रूप में इस्तेमाल किया है, राज्य में एक नए 'पुत्र' के उदय की संभावना पर अपनी प्रतिक्रिया में सतर्क है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के बेटे के बारे में जेडी(यू) जो भी फैसला लेगी, उसका समर्थन करेगी. 

विरोधी पार्टी की भी मांग राजनीति में उतरे निशांत
जेडी(यू) के अन्य सहयोगी दलों ने भी निशांत के राजनीति में शामिल होने पर उनका स्वागत करते हुए अपनी प्रतिक्रिया में सावधानी बरती है. दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी आरजेडी के तेजस्वी ने ही शायद निशांत को राजनीति में शामिल होने के लिए सबसे बड़ा आह्वान किया. "वह हमारा भाई है. मैं चाहता हूं कि वह जल्द से जल्द राजनीति में शामिल हो जाए, अन्यथा भाजपा शरद यादव द्वारा बनाई गई पार्टी जेडी(यू) को खत्म कर देगी. उसे जल्द ही राजनीति में शामिल हो जाना चाहिए. अगर वह राजनीति में शामिल होता है, तो संभावना है कि जेडी(यू) बच जाएगी.

दूसरी पीढ़ी के तीन बेटे करेंगे बिहार में राजनीति
इन तमाम अटकलों के बीच अभी तक कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. अभी सारी बातें तस्वीरों को लेकर गढ़े गए कयास ही हैं. हालांकि चुनाव नजदीक है तो जल्द ही ये पता चल जाएगा कि निशांत वाकई पॉलिटिकल एंट्री कर रहे हैं या नहीं? अगर ऐसा होता है तो यह बिहार की राजनीति में दूसरी पीढ़ी के तीन नेताओं की तिकड़ी को पूरा करेगा. जो अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेंगे. इसके पहले तेजस्वी और दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पहले से ही सक्रिय राजनीति में हैं.

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