स्वाद के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. आम तौर पर डायाबिटीज के मरीजों को डॉक्टर आम नहीं खाने की सलाह देते हैं. लेकिन अब डायाबिटीज के मरीज भी मन भर कर आम खा सकें ऐसे आम का सफल उत्पादन किया गया है.
Trending Photos
सागर ठक्कर, जूनागढ़: स्वाद के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. आम तौर पर डायाबिटीज के मरीजों को डॉक्टर आम बहुत नहीं खाने की सलाह देते हैं. लेकिन अब डायाबिटीज के मरीज भी मन भर कर आम खा सकें ऐसे आम का सफल उत्पादन किया गया है.
जूनागढ़ जिले में मालिया होती तालुका जलंधर गांव में अमेरिका के फ्लोरिडा के आम के प्रकार का सफल उत्पादन हो रहा है. बैंगनी रंग, शर्करा का बहुत कम प्रमाण और फाइबर से भरपूर ऐसे आमों की मांग भी बाजार में बढ़ती जा रही है. गर्मियों का मौसम शुरू होते ही बाजार में आम देखने को मिलते हैं और सभी को फलों का राजा माने जाने वाले आम को खाने का मन होता है. भारत में खास करके आफूस और केसर केरी का कमर्शियल वैल्यू भी बहुत है और इससे उसका उत्पादन और मांग दोनों बढ़ रही है.
विश्व में आम की करीबन दो हजार से अधिक प्रकार हैं, उसमें भारत में एक हजार प्रकार के आम देखने को मिलते हैं. जो स्वाद के शौकीन हैं वे विविध आमों का स्वाद लेते हैं. लेकिन डायाबिटीज जैसी बीमारी के चलते अनेक लोग आम के स्वाद से वंचित रह जाते हैं. तब अब ऐसे भी आम का उत्पादन हो रहा है कि जहां शर्करा का प्रमाण बेहद कम होता है और भरपूर मात्रा में फाइबर होने से तंदुरुस्ती के लिए फायदेमंद होता है. बैंगनी रंग के आकर्षक आम का अब जूनागढ़ जिले में भी सफल उत्पादन हो रहा है.
ये भी पढ़ें- कोरोना काल में पिएं नारियल मिल्क शेक, निरोगी रहने में करेगा मदद
जूनागढ़ जिले के मालिया हाटी तालुका के जलंधर गांव में दिनेशभाई गादेचा अपने फार्म हाउस में विविध प्रकार के आम की खेती करते हैं. अपने 15 बीघा के फार्म हाउस में आम की अलग-अलग 20 किस्मों के 465 पेड़ों पर वह आम का सफल उत्पादन कर रहे हैं. दिनेशभाई के फार्म हाउस पर केसर आम के 440 पेड़ हैं. उसके अलावा अन्य प्रकार के आमों के 25 पेड़ हैं. इसके अलावा चीकू, जामफल, केले, नींबू, सफेद जामुन, काले जामुन और लाल जामुन का भी वह अपने फार्म हाउस पर उत्पादन करते हैं.