पितृ पक्ष में भूलकर भी न खाएं ये चीजें, पूर्वज हो जाते हैं नाराज
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पितृ पक्ष में भूलकर भी न खाएं ये चीजें, पूर्वज हो जाते हैं नाराज

सनातन धर्म में ये मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ किसी भी रूप में आते है और भोजन करते हैं. 

पितृ पक्ष में कुछ चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

नई दिल्ली: पितृ पक्ष शुरू हो गए हैं. परिवार में जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका हो, उन्हें हम पितृ मानते हैं. पितृपक्ष का प्रारंभ 24 सितंबर से हो गया है. इस दौरान हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी याद में अनुष्ठान और तर्पण से पितरों को संतुष्ट करते हैं. सनातन धर्म में ये मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ किसी भी रूप में आते है और भोजन करते हैं. लेकिन हम कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे पितृ नाराज हो कर लौट जाते हैं. 

लहसुन और प्याज 
पितृपक्ष में लहसुन और प्याज को खाने से बचना चाहिए. लहसुन और प्याज तामसिक भोजन में शुमार होता है. इसलिए ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान लहसुन और प्याज से थोड़ा सा परहेज करना चाहिए. इसके साथ ही मांस, मछली और शराब का सेवन बिलकुल न करें.  

बासी खाना
अगर आपके घर में श्राद्ध है, तो जिसे भोजन कराया जा रहा हो उसे और भोजन कराने वाले दोनों को बासी खाने से बिलकुल दूर रहना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में बासी खाना नहीं खाना चाहिए.

ये सब्जियां खाने से बचें
आलू, मूली, अरबी और कंद वाली सब्जियां पितरों को नहीं चढ़ाई जाती हैं. इसलिए इस तरह की सब्जी श्राद्ध में न बनाए और न ही इसका भोग किसी ब्राह्मण को लगाए. 

चना और सत्तू
श्राद्धों में चने का सेवन किसी भी रूप में वर्जित है. यहां तक कि चने के सत्तू भी नहीं खाये जाते. वैसे श्राद्धों में हर तरह का सत्तू भी खाना वर्जित होता है.

मसूर की दाल
श्राद्ध में कैसा भी कच्‍चा खाना यानी दाल, चावल और रोटी न खाई जाती है और न ही खिलाई जाती है. फिर भी अन्‍य दालों जैसे मूंग और उरद की दालें दही बड़ा और कचौड़ी आदि बनाने के लिए इस्‍तेमाल हो सकती हैं, लेकिन मसूर की दाल किसी भी रूप में श्राद्ध के दौरान नहीं प्रयोग की जाती है. 

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