अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें, 13 साल बढ़ सकती है जिंदगी
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अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें, 13 साल बढ़ सकती है जिंदगी

लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने के लिए हर कोई भरसक प्रयास करता है. हालांकि, जीवनशैली के साथ खानपान में बदलाव कर, यह किया जा सकता है. एक नए अध्ययन के अनुसार, अगर युवावस्था में खानपान में बदलाव किया जाए, तो 13 साल अधिक जिंदगी पायी जा सकती है.  

 

फाइल फोटो

वाशिंगटनः लंबी उम्र की कामना किसे नहीं होती. हर कोई एक स्वस्थ व लंबी जिंदगी जीना चाहता है. हाला्ंकि, वर्तमान की जीवनशैली और खानपान से लोग कम उम्र में ही तमाम बीमारियों का शिकार बन रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि जीवनशैली के साथ खानपान में भी बदलाव किया जाए. एक नए अध्ययन के अनुसार, अगर युवावस्था में खानपान में बदलाव किया जाए, तो 13 साल अधिक जिंदगी पायी जा सकती है. 

  1. आज ही करें डाइट में शामिल करें ये चीजें 
  2. 13 साल अधिक जी सकते हैं जिंदगी
  3. अध्ययन में हुआ खुलासा

युवावस्था में शुरू करें हेल्दी डाइट

अध्ययन में एक मॉडल तैयार किया गया है, जिसमें बताया गया है कि एक पुरुष या महिला की लंबी उम्र के लिए क्या कर सकते हैं. वे अगर रेड मीट और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ को अनुकूलित आहार के साथ बदलते हैं, जैसे कम रेड मीट और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल को कम करके, उनकी जगह अधिक फल, सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज और नट्स को लिया जा सकता है. PLOS मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कोई महिला ने 20 साल की उम्र में बेहतर खाना शुरू कर दे, तो वह अपने जीवनकाल को 10 साल तक बढ़ा सकती है. वहीं, 20 साल की उम्र से स्वस्थ आहार खाने वाला आदमी अपने जीवन में 13 साल जोड़ सकता है.

बुढ़ापे में भी बढ़ाई जा सकती है उम्र

अध्ययन में कहा गया है कि स्वस्थ आहार पर ध्यान केंद्रित करने से बुजु्र्गों का जीवन भी लंबा हो सकता है. 60 साल की उम्र से शुरू होकर एक महिला भी अपने जीवन काल को 8 साल तक बढ़ा सकती है. 60 साल की उम्र में स्वस्थ आहार शुरू करने वाले पुरुष अपने जीवन में लगभग 9 साल जोड़ सकता है. अध्ययन में कहा गया है कि पौधों से मिलने वाले भोजन के सेवन से 80 साल के लोगों को भी फायदा हो सकता है. इस उम्र में पुरुषों और महिलाओं के आहार में बदलाव से लगभग 3.5 साल का अतिरिक्त जीवन मिल सकता है. NGO 'ट्रू हेल्थ इनिशिएटिव' के अध्यक्ष व संस्थापक काट्ज़ का कहना है कि बेहतर खाना पूरी तरह से बेहतर नहीं है, लेकिन आमतौर पर खाए जाने वाले खाने की तुलना में पूरी तरह से बेहतर है. उन्होंने महसूस किया कि आहार में और भी सुधार किया जा सकता है और अधिक लाभ प्रदान किया जा सकता है. काट्ज़ ने कहा कि मेरा मानना है कि बेहतर आहार में मीट और डेयरी की काफी खुराक होनी चाहिए, लेकिन जब उनकी टीम ने आहार की गुणवत्ता को निष्पक्ष रूप से स्कोर किया, तो ये तत्व काफी निम्न स्तर पर थे.

अमेरिकी कम करते हैं इस्तेमाल

किसी व्यक्ति के आहार में बदलाव के भविष्य के प्रभाव को मॉडल करने के लिए नॉर्वे के शोधकर्ताओं ने मौजूदा मेटा-विश्लेषण और ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के डेटा का उपयोग किया. यह डेटा दुनिया भर में मौत के 286 कारणों, 369 बीमारियों और चोटों और 204 में 87 जोखिम के कारणों को ट्रैक करता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिक उम्र में सबसे ज्यादा लाभ अधिक फलियां खाने से मिला, जिनमें सेम, मटर और मसूर, अखरोट, बादाम, पेकान और पिस्ता आदि शामिल थे. अपने आहार में अधिक हरी सब्जियां और अनाज शामिल करना आसान लगता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अमेरिकियों को ऐसा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक नई रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ अमेरिकी फल और सब्जियों की अपनी दैनिक सिफारिशों के लिए  खाते हैं. CDC अध्ययन में पाया गया कि फेडरल डाइट के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल 12% लोग ही रोज 1½ से 2 कप फलों का सेवन करते हैं. वहीं, केवल 10% अमेरिकी हर दिन 2 से 3 कप सब्जियां खाते हैं, जिनमें फलियां भी शामिल हैं.

खाने में हो 50 प्रतिशत अनाज

खाने की खपत में लगभग 50% साबुत अनाज होना चाहिए, फिर भी 95% से अधिक अमेरिकी उस लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहते हैं. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 50% से अधिक अमेरिकी हर दिन नट्स और बीजों के 5 ग्राम (लगभग एक चम्मच) को नहीं खा पाते हैं. नट, बीज, फलियां और साबुत अनाज में सिर्फ प्रोटीन ही नहीं होता है, उनमें स्वस्थ वसा, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट "फाइटोकेमिकल्स" शामिल होते हैं, जो पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मददगार होते हैं. कम रेड और प्रसंस्कृत मीट जैसे बेकन, सॉसेज और संरक्षित डेली मीट को भी लंबे जीवन से जोड़ा गया है. यह अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि रेड और प्रसंस्कृत मीट कोरोनरी हृदय रोग और बॉल कैंसर का कारण हो सकता है. इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि संरक्षित मीट बॉल कैंसर का कारण बन सकता है. इसका जोखिम इतना अधिक है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 2015 से कैंसरजन्य के रूप में वर्गीकृत किया है. 

मेडटरैनीअन डाइट का करें इस्तेमाल

विशेषज्ञों का कहना है कि रेड और प्रोसेस्ड मीट को लीन पोल्ट्री, फिश और प्लांट प्रोटीन से बदलना आहार में तेजी से सुधार करने का एक तरीका है. प्लांट प्रोटीन में सोयाबीन (एडमैम), छोले, दाल और अन्य फलियां, टोफू, टेम्पेह, नट्स, बीज और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज शामिल हैं. ब्रोकली जैसी कुछ सब्जियों में भी उच्च स्तर का प्रोटीन होता है. 37,000 से अधिक मध्यम आयु वर्ग के अमेरिकियों पर नज़र रखने वाले 2020 के एक अध्ययन में पाया गया कि हरी सब्जियों से मिलने वाले प्रोटीन को कम खाने वालों को तुलना में जो लोग आधिक प्रोटीन खाते थे, उनमें किसी भी कारण से मरने की संभावना 27% कम थी और कोरोनरी हृदय रोग से मरने की संभावना 29% कम थी. यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार, आहार में अधिक हरी सब्जियों को शामिल करने और कम रेड मीट का सेवन करने का एक तरीका मेडटरैनीअन डाइट है, जिसने लगातार पांच साल तक सर्वश्रेष्ठ आहार का खिताब जीता है.

हरी सब्जी, बीन्स का करें खाने में प्रयोग

वहीं, DASH डाइट उच्च रक्तचाप को रोकने में मदद करता है. जबकि, फ्लेक्सिटेरियन आहार, शाकाहारी होने को प्रोत्साहित करता है. ये सभी आहार फलों, सब्जियों, बीन्स, दाल, साबुत अनाज, नट और बीजों के भोजन पर आधारित हैं. मेडटरैनीअन डाइट के तरीके से खाना शुरू करने का एक आसान तरीका यह है कि हर हफ्ते बीन्स, साबुत अनाज और सब्जियों के आधार पर एक भोजन पकाएं. इनमें जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करके स्वादिष्ट बनाएं. 

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