Nightshade Vegetables: टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च और आलू जैसी सब्जियां नाइटशेड वेजिटेबल्स में गिनी जाती हैं. इन सब्जियों में एल्कलॉइड नाम का तत्व होता है.
Trending Photos
नई दिल्ली: सब्जियां (Vegetables) खाना फायदेमंद माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी नाइटशेड वेजिटेबल्स (Nightshade Vegetables) के बारे में सुना है? नाइटशेड वेजिटेबल्स को लेकर कहा जाता है कि इन सब्जियों को खाने से आर्थराइटिस और सेहत से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ सकती हैं. इससे हार्ट बर्न, पेट से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि ज्यादातर लोग इन सब्जियों को खाना पसंद करते हैं. सबसे पहले जानिए कि नाइटशेड वेजिटेबल्स हैं क्या?
टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च और आलू जैसी सब्जियां नाइटशेड वेजिटेबल्स में गिनी जाती हैं. इन सब्जियों में एल्कलॉइड नाम का तत्व होता है. एल्कलॉइड एक यौगिक है जिसमें नाइट्रोजन होता है. पौधों की पत्तियों, तनों और खाए जाने वाले हिस्सों में एल्कलॉइड पाया जाता है.
नाइटशेड वेजिटेबल्स को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसमें मौजूद टॉक्सिक पदार्थ की वजह से इन्हें खाना नुकसानदायक भी हो सकता है. आलू में पाया जाने वाला एल्कलॉइड सोलेनिन होता है, जो रोशनी के संपर्क में आने पर हरे रंग का हो जाता है. इस तरह के आलू खाना आपको नुकसान पहुंचाएगा. इससे जी मिचलाने, डायरिया, बुखार या सिरदर्द की समस्या हो सकती है.
इसके अलावा बैंगन, टमाटर या बाकी सब्जियों में कम मात्रा में एल्कलॉइड हो सकता है, लेकिन ये नुकसान नहीं पहुंचाता. हालांकि बहुत ज्यादा मात्रा में इन सब्जियों का सेवन न करें.
एक्सपर्ट के मुताबिक, नाइटशेड वेजिटेबल्स में बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मददगार हैं. बैंगन के बैंगनी रंग में एंथोसायनिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कैंसर और डायबिटीज के खतरे को कम करता है.
वहीं टमाटर में लाइकोपीन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो हृदय रोगों और कैंसर के खतरे को कम करता है. नाइटशेड वेजिटेबल्स में कई तरह के मिनरल्स और विटामिन भी पाए जाते हैं. ये हमारे शरीर को पोषण देते हैं. शिमला मिर्च हमारे शरीर में विटामिन-सी की कमी को पूरा कर सकती है.
अगर आपको नाइटशेड वेजिटेबल्स से एलर्जी है तो इसके लिए एलर्जी टेस्ट कराएं. एलर्जी की वजह से सूजन, खराश, आंखों में खुजली, जी मिचलाना, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ या छाती में घरघराहट की समस्या हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)