सबसे रोचक बात ये है कि आखिरी फेज के ट्रायलों में पांच में से तीन टीके चीनी कंपनियों ने ही तैयार किए हैं. और जिस तेजी से दुनिया के विभिन्न देशों में इन टीकों के क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trails) चल रहे हैं, उससे साफ लग रहा है कि सबसे पहले टीके (Corona Vaccine) चीनी कंपनियां ही तैयार करेंगे.
Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के टीके (Corona Vaccine) तैयार करने की दौड़ काफी तेज हो चुकी है. इस रेस में अब तक पांच टीकों को सफलता मिलती दिख रही है. लेकिन इससे भी दिलचस्प बात ये है कि कोरोना वायरस (COVID-19) की वैक्सीन तैयार करने वाले इन पांच टीकों में से तीन चीनी कंपनियों ने ही तैयार किए हैं. ये चीनी कंपनियां अन्य दो टीकों के मुकाबले सबसे तेजी से अपने ट्रायल पूरे कर रहे हैं.
तो क्या सबसे पहले तैयार हो जाएंगे चीनी टीके?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक दुनिया के कुल पांच टीके कोरोना वायरस से लड़ने में सफल पाए गए हैं. इन सभी टीकों के तीसरे यानि अंतिम फेज (Third Phase) के क्लीनिकल ट्रायल हो रहे हैं. सबसे रोचक बात ये है कि आखिरी फेज के ट्रायलों में पांच में से तीन टीके चीनी कंपनियों ने ही तैयार किए हैं. और जिस तेजी से दुनिया के विभिन्न देशों में इन टीकों के क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trails) चल रहे हैं, उससे साफ लग रहा है कि सबसे पहले टीके चीनी कंपनियां ही तैयार करेंगे.
कोरोना वायरस से लड़ने में ये पांच टीकों हो चुके हैं सफल
1. सिनोवैक (Sinovac) - चीन
चीनी वैज्ञानिक कोरोना वायरस के टीके बनाने की दौड़ में सबसे आगे हैं. जिस देश में सबसे पहले ये महामारी फैली उनके वैज्ञानिकों को इस वायरस के टीके तैयार करने के लिए ज्यादा सैंपल मिले. चीनी दवा कंपनी सिनोवैक बायोटेक (Sinovac Biotech) ने खाड़ी देशों समेत दुनिया के कई अन्य देशों में अपने वैक्सीन के सफल ट्रायल (Vaccine Trails) कर लिए हैं. कुल मिलाकर चीनी कंपनी कोरोना वैक्सीन तैयार करने के बेहद करीब है. कंपनी अपने अंतिम ट्रायल ब्राजील और बांग्लादेश में करना शुरू कर चुकी है.
2. वुहान इंस्टिट्युट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स (सिनोफार्म) - चीन
जिस शहर से कोरोना वायरस शुरू हुआ वहीं की एक संस्था वुहान इंस्टिट्युट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स ने सिनोफार्म (Sinopharm) नाम से टीके तैयार किया है. ये टीके पूरी तरह से तैयार है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लॉन्च करने से पहले फेज 3 क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुके हैं.
3. बीजिंग इंस्टिट्युट ऑफ बायोलॉजिक प्रोडक्ट (सिनोफार्म) - चीन
चीन की राजधानी में मौजूद बीजिंग इंस्टिट्युट ऑफ बायोलॉजिक प्रोडक्ट ने सिनोफॉर्म नाम से अपना भी एक टीका इजाद किया है. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ये टीका भी पूरी तरह से सफल बताया जा रहा है. इस टीके के ट्रायल सऊदी के शहर अबू धाबी में शुरू हो चुके हैं. जल्द इस टीके के सुरक्षा को लेकर भी नतीजे सामने आ सकते हैं
4. आस्ट्राजेनेका (AstraZeneca / Oxord University)
ये वही टीका है जिसके बारे में आपने हाल ही में सुना होगा. ब्रिटेन (Britain) की ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी(Oxford University) ने इस टीके का नाम आस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ही रखा है. इस टीके का इंसानों पर सफल परीक्षण हो चुका है. तीसरे यानि आखिरी चरण के ट्रायल (Final Trails) में इस टीके को ज्यादा समय नहीं लगेगा. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इस टीके के अंतिम चरण के ट्रायल दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें: भारत में तैयार हो रही कोरोना वैक्सीन की अच्छी खबर ओडिशा से आ रही, जानें विस्तार से
5. युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (Univerisy of Melborn)
ऑस्ट्रेलिया (Australia) स्थित युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न भी इस दौड़ में आगे ही नजर आ रही है. यहां के वैज्ञानिकों ने सौ साल पुरानी टीबी की दवा (TB Vaccine) से कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार कर लिया है. हालांकि ये टीका कोरोना वायरस से सीधे लड़ने में मददगार नहीं है. लेकिन ये टीका शरीर के भीतर कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी को जबरदस्त तरीके से बढ़ाने में सफल हुआ है. इस टीके के भी दो ट्रायल पूरे हो चुके हैं. अंतिम चरण के ट्रायल भी शुरू हो चुके हैं.