कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक्सरसाइज व योगा की अहमियत के बारे में हर तरफ बताया जा रहा है। जिससे आपका शरीर और इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। लेकिन, कोविड-19 पेशेंट्स को कुछ एक्सरसाइज या योगासन करने की गलती नहीं करनी चाहिए। यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है और कोविड-19 के कारण हो रही दिक्कतों या लक्षणों को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं कि कोविड-19 के मरीज को किन-किन एक्सरसाइज से कुछ समय के लिए दूरी बना लेनी चाहिए और क्यों।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें: छाती को मजबूत और चौड़ा बनाने में मदद करेंगी ये पावरफुल चेस्ट एक्सरसाइज


1. मूर्छा प्राणायाम (Moorchha Pranayama)
मूर्छा प्राणायाम मेडिटेशन और दिमाग को शांत करने के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें व्यक्ति अपनी ब्रीदिंग मतलब सांसों को बिल्कुल धीरे कर लेता है। जिससे उसे मूर्छा जैसा महसूस होता है। हालांकि इसमें पारंगत होने के लिए काफी कोशिश करनी पड़ती है। यह योगा एक्सरसाइज कोविड-19 पेशेंट्स को नहीं करनी चाहिए। क्योंकि सांस को स्लो करने या रोककर रखने के कारण उन्हें चक्कर या सिर घूमने जैसी समस्या हो सकती है। इसके साथ ही यह फेफड़ों पर अत्यधिक दबाव डालती है, जो कि संक्रमण से लड़ रहे लंग्स के लिए बुरा हो सकता है।


2. दौड़ लगाना (Running)
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दौड़ लगाना काफी फायदेमंद है। जिससे आपके फेफड़े मजबूत होने के साथ पूरा शरीर फिट बनता है। लेकिन अगर आप हल्के लक्षणों के साथ कोविड-19 से संक्रमित हैं और सोचते हैं कि दौड़ लगाना फायदेमंद हो सकता है। तो आप गलत हैं। क्योंकि इससे आपके आपके शरीर और लंग्स पर अत्यधिक प्रेशर पड़ेगा। जो कि सांस फूलने, बेहोश होने या शरीर के दर्द में इजाफा कर सकता है।


ये भी पढ़ें: Lungs Exercise: फेफड़ों को एकदम मजबूत और हेल्दी बना देंगी ये लंग्स एक्सरसाइज


3. कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama)
कपालभाति प्राणायाम शरीर में ऊर्जा का निर्माण करता है और लिवर व किडनी से विषाक्त पदार्थ निकालकर स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता है। लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर यह आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। क्योंकि इस प्राणायाम से फेफड़ों, दिल और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर काफी दबाव पड़ता है और आपको सांस लेने में परेशानी या चक्कर आने की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर या अल्सर के मरीजों को भी इस एक्सरसाइज का अभ्यास करने से मना किया जाता है।


4. भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama)
भस्त्रिका प्राणायाम काफी हद तक कपालभाति की तरह होता है। लेकिन इसमें पेट की जगह हवा फेफड़ों में भरी और छोड़ी जाती है। इससे भी शरीर में गर्मी और फेफड़ों पर दबाव पड़ता है। जो कि कोरोना से जूझ रहे मरीज में चक्कर या बेहोशी या सांस लेने में दिक्कत का कारण बन सकता है। इसलिए आपको इस प्राणायाम से दूर रहना चाहिए।


यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। यह किसी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।