आप भी हैं ज्यादा चाय-कॉफी पीने के शौकीन तो हो जाइए सावधान, आंखों को हो सकता है भारी नुकसान!
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आप भी हैं ज्यादा चाय-कॉफी पीने के शौकीन तो हो जाइए सावधान, आंखों को हो सकता है भारी नुकसान!

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि जिन लोगों के परिवार में किसी व्यक्ति को ग्लूकोमा है तो ऐसे लोगों को कैफीन का इस्तेमाल कम करना चाहिए. 

आप भी हैं ज्यादा चाय-कॉफी पीने के शौकीन तो हो जाइए सावधान, आंखों को हो सकता है भारी नुकसान!

नई दिल्लीः अक्सर हम लोग काम के दौरान सुस्ती दूर करने के लिए चाय-कॉफी पीते हैं लेकिन अब एक अध्ययन में पता चला है कि ज्यादा चाय कॉफी पीने से हमारी आंखों को नुकसान हो सकता है. दरअसल यह नुकसान चाय कॉफी में पाए जाने वाले कैफीन के कारण होता है. 

क्या कहती है रिसर्च
न्यूयॉर्क स्थित माउंट सिनाई के आइकन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च की है. यह रिसर्च ऑप्थेलमोलॉजी नामक जर्नल में छपी है. इस रिसर्च में बताया गया है कि बहुत अधिक मात्रा में कैफीन का इस्तेमाल ग्लूकोमा की आशंका बढ़ा सकता है. रिसर्च के अनुसार, ग्लूकोमा की वजह हमारे खान-पान की आदतें और आनुवांशिक हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि जिन लोगों के परिवार में किसी व्यक्ति को ग्लूकोमा है तो ऐसे लोगों को कैफीन का इस्तेमाल कम करना चाहिए. 

कैफीन कैसे पहुंचाता है नुकसान
शोधकर्ताओं के मुताबिक आंखों के अंदर  एक प्रकार का द्रव, जिसे एक्वीस ह्युमर कहते हैं, उसका उत्पादन होता है. सामान्य तौर पर यह द्रव ट्रैब्युलर मेशवर्क नामक एक ऊतक के माध्यम से आंखों से बाहर निकलता है. कैफीन के कारण इस द्रव का उत्पादन अधिक होता है, जिससे आंखों पर दबाव बढ़ता है. इस दबाव के चलते हमारी आंखों की ऑप्टिकल तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है. जिससे हमारी आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है. 

अन्य कारण ये भी है कि चाय-कॉफी का ज्यादा सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, जो कि आंखों की रोशनी में धुंधलापन का कारण बनता है. कैफीन से ग्लूकोमा होने का सीधा संबंध नहीं है लेकिन यह आंखों में इस तरह की परिस्थितियां बना देता है कि उससे ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है. 

इस तरह की गई रिसर्च
कैफीन के आंखों पर पड़ने वाले असर को जांचने के लिए शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक में मौजूद एक लाख 20 हजार लोगों के डाटा का विश्लेषण किया. जिन लोगों के डाटा का विश्लेषण किया गया, उनमें 39 से 73 साल की उम्र सीमा के लोग शामिल थे. अध्ययन में पता चला कि अधिक कैफीन के सेवन से तनाव बढ़ता है और यह ग्लूकोमा का भी कारण बनता है. अध्ययन में बताया गया कि 480 मिलीग्राम तक कैफीन का सेवन ठीक है लेकिन उससे ज्यादा खतरनाक है. वहीं जिन लोगों के परिवार में ग्लूकोमा की हिस्ट्री है, उनके लिए सामान्य मात्रा 320 मिलीग्राम है. इसका मतलब ये है कि दिन में 4-5 कप कॉफी या चाय पीना खतरना है. 

  

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