क्या आप जानते हैं कि आपका पसंदीदा फास्ट फूड आपकी जिंदगी के कीमती मिनट छीन सकता है? हाल ही में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा किया है.
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अगर आपको लगता है कि आपका फेवरेट फास्ट फूड आपके मूड को बेहतर बना रहा है, तो जरा ठहरिए! एक नई रिसर्च ने फास्ट फूड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से जुड़ा ऐसा सच सामने रखा है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक चीज़ बर्गर खाने से आपकी जिंदगी के 9 मिनट कम हो सकते हैं, जबकि कोल्ड ड्रिंक पीने से 12 मिनट.
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने करीब 5,800 फूड का विश्लेषण किया और उनकी हेल्थ कॉस्ट यानी सेहत पर असर का आकलन किया. इस रिसर्च के मुताबिक, जो भी व्यक्ति हॉट डॉग खाता है, वह अपनी जिंदगी के 36 मिनट खो सकता है. अगर इसके साथ कोल्ड ड्रिंक भी पी जाए, तो नुकसान और बढ़ जाता है. इसके अलावा, बेकन खाने से 6 मिनट, और प्रोसस्ड मीट जैसे प्रोसिटो खाने से 24 मिनट कम हो सकते हैं. वहीं, एग सैंडविच जिंदगी के 13.6 मिनट घटा सकता है. इन फूड्स में पाए जाने वाले नाइट्राइट्स और नाइट्रेट्स शरीर में जाकर ऐसे तत्वों में बदल जाते हैं, जो कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं.
कौन-से फूड्स देते हैं जिंदगी के मिनट?
यह रिसर्च केवल डराने वाली खबरों तक ही सीमित नहीं रही. वैज्ञानिकों ने बताया कि कुछ फूड्स ऐसे भी हैं जो आपकी उम्र बढ़ा सकते हैं. मूंगफली मक्खन और जेली सैंडविच खाने से 32 मिनट का फायदा होता है. नट्स और बीज खाने से 24 मिनट और फलों के सेवन से 10 मिनट उम्र बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा, मछली और सब्जियां भी आपके जीवनकाल को बढ़ाने में मदद करती हैं.
क्यों घटा रहे हैं फास्ट फूड आपकी उम्र?
फास्ट फूड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में चीनी, अनहेल्दी फैट और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा अधिक होती है. चीज बर्गर और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें, खासकर रेड मीट और प्रोसस्ड मीट में ऐसे तत्व होते हैं, जो डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मोटापे जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
क्या कहती है विशेषज्ञों की सलाह?
रिसर्च टीम ने सुझाव दिया है कि रेड और प्रोसस्ड मीट के बजाय प्लांट-बेस्ड प्रोटीन जैसे बीन्स, मटर और दालों का सेवन किया जाए. हर दिन फल और सब्जियों से 10% कैलोरी बढ़ाने पर आपकी जिंदगी में 48 मिनट का इजाफा हो सकता है. डॉ. ओलिवियर जोलियट, जो इस रिसर्च का नेतृत्व कर रहे थे, कहते हैं कि छोटे बदलाव करके बड़े फायदे पाए जा सकते हैं. हमें अपनी डाइट में बदलाव करने की जरूरत है, ताकि न केवल हमारी सेहत बेहतर हो, बल्कि पर्यावरण पर भी पॉजिटिव असर पड़े.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.