दुनिया भर में बढ़ रहे मोबाइल फोन, कंप्यूटर, गैजेट और इंटरनेट सिर्फ सहुलियत के लिए बने हैं, लेकिन अब यही सहुलियत एक लत का रूप लेने लगा है. आलम ये है कि लोग इन गैजेट्स की दुष्प्रभावों पर बात करने लगे हैं. पूरी दुनिया में Digital Detox की बाते होने लगी है. ये एक ऐसा दौर है जब अवसाद से लेकर विभिन्न शारीरिक और मानसिक परेशानियों के लिए Digital Detox का सहारा लेना पड़ रहा है.
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दुनिया भर में बढ़ रहे मोबाइल फोन, कंप्यूटर, गैजेट और इंटरनेट सिर्फ सहुलियत के लिए बने हैं, लेकिन अब यही सहुलियत एक लत का रूप लेने लगा है. आलम ये है कि लोग इन गैजेट्स की दुष्प्रभावों पर बात करने लगे हैं. पूरी दुनिया में Digital Detox की बाते होने लगी है. ये एक ऐसा दौर है जब अवसाद से लेकर विभिन्न शारीरिक और मानसिक परेशानियों के लिए Digital Detox का सहारा लेना पड़ रहा है.
Digital Detox Camps का है ये दौर
अब दुनिया भर के देशों में लोगों को मोबाइल फोन की लत से छुटकारा दिलाने के लिए Digital Detox Camps चलन में आए हैं. ये Digital Detox Camps (इंटरनेट नशा मुक्ति केंद्र) लोगों को उनके डिजिटल उपकरणों वाली जगह होती है. यहां लोगो को मोबाइल फोन, कंप्यूटर, गैजेट्स और इंटरनेट से दूर रखकर मेल-मिलाप और आपसी संवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. कुछ कैंप्स में उपकरणों से दूरी बनाए रखने के लिए सख्ती बरती जाती है, लेकिन कई कैंप्स ऐसे भी होते हैं जहां नरमी से पेश आया जाता है. रोचक बात ये है कि कई बार बच्चों के माता-पिता उन्हें इंटरनेट की लत से छुटकारा दिलाने के लिए इस तरह के इंटरनेट नशा मुक्ति केंद्रों में भेजते हैं.
मानसिक और शारीरिक परेशानियों से दूर करता है Digital Detox
दुनिया में इन दिनों गैजैट्स से होने वाली बीमारियां और परेशानियों पर आए दिन नए शोध सामने आ रहे हैं. ज्यादातर शोध इन उपकरणों को हमेशा से ही सामाजिक रुप के खतरनाक मानता रहा है. एक रिसर्च में पाया गया है कि मोबाइल फोन से दूरी बना लेने से 18 प्रतिशत लोगों को मन की शांति, 14 प्रतिशत लोगों को आराम, 10 प्रतिशत लोगों को खुशी और 6 प्रतिशत लोगों को स्वतंत्रता का अनुभव हुआ. मनोवैज्ञानिक हमेशा से ही गैजेट्स से एक तय दूरी की वकालत करते आए हैं.
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