दिल के रोगियों सावधान! ठंड से बचने को रोज व्यायाम करें, मदिरापान नहीं
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दिल के रोगियों सावधान! ठंड से बचने को रोज व्यायाम करें, मदिरापान नहीं

कड़ाके की ठंड और तेज सर्द हवाओं से बचने के लिये कहीं आप मदिरा का सेवन तो नहीं करते। अगर ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए। खासकर हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को तो और भी सावधान होने की जरूरत है। ऐसे मरीजों के लिए यह मौसम काफी खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों का भी कहना है कि शरीर को गर्म रखने के लिए ऐसे लोगों को शराब का सहारा तो कतई नहीं लेना चाहिए। उनकी सेहत के लिये अच्छा होगा कि वो कसरत करें, तेज-तेज वॉक करें। 

दिल के रोगियों सावधान! ठंड से बचने को रोज व्यायाम करें, मदिरापान नहीं

कानपुर : कड़ाके की ठंड और तेज सर्द हवाओं से बचने के लिये कहीं आप मदिरा का सेवन तो नहीं करते। अगर ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए। खासकर हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को तो और भी सावधान होने की जरूरत है। ऐसे मरीजों के लिए यह मौसम काफी खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों का भी कहना है कि शरीर को गर्म रखने के लिए ऐसे लोगों को शराब का सहारा तो कतई नहीं लेना चाहिए। उनकी सेहत के लिये अच्छा होगा कि वो कसरत करें, तेज-तेज वॉक करें। 

गौरतलब है कि बीती रात कानपुर का न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री तक गिर गया था। चिकित्सकों की मानें तो इस समय पड़ रही ठंड उच्च रक्तचाप के मरीजों तथा दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिये परेशानी का कारण बन सकती है, इसलिये ऐसे लोगों को सर्दी से बचाव करने के साथ ही साथ खान पान पर भी ध्यान देना चाहिए और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से बचने चाहिए। हो सके तो रोज व्यायाम करें लेकिन सूरज निकलने के बाद मार्निंग वॉक पर जाएं।

चिकित्सकों का कहना है कि इसके अलावा इस मौसम में शराब का इस्तेमाल तो कतई न करें क्योंकि इससे उनकी ठंड तो कम हो जाएगी लेकिन इससे उनके रक्तचाप और रक्त शर्करा में अचानक वृद्धि हो जाएगी। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर सुदीप कुमार ने का कहना है कि सर्दियां बच्चों और बुजुर्गों के लिये तो खतरनाक होती ही है लेकिन उन लोगों के लिये सबसे अधिक परेशानी का कारण बनती है जो उच्च रक्तचाप के मरीज होते हैं या दिल की किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं। 

डॉक्टरों के अनुसार कड़ाके की सर्दी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिये सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता है और शरीर में नमक (साल्ट) का स्तर बढ़ जाता है जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। पीजीआई के कार्डियालोजिस्ट प्रो. कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त सर्दी में ज्यादा काम न करने से शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती है और लोग व्यायाम वगैरह से भी कतराते हैं जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और फिर बढ़े हुये रक्तचाप के कारण उनमें ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

सर्दी के मौसम में खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून का थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है जो कि दिल के रोगियों के लिये परेशानी का कारण बनती है। ऐसे में इस तरह के रोगियों को सर्दी के मौसम में पराठे, पूरी और अधिक चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिये क्योंकि सर्दी में दिल को आम दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

लोगों के मन में एक गलतफहमी होती है कि सर्दी के दिनों में गर्म चीजें जैसे गुड़ से बनी गजक या तिल के लड्डू आदि खाने से या फिर व्हिस्की, रम के दो पैग गुनगुने पानी के साथ लेने से सर्दी भाग जाएगी। ऐसा करने से आपको तुरंत तो गर्मी का एहसास हो जाएगा लेकिन आपको रक्तचाप और ब्लड शुगर बढ़ने के चलते अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है।

पीजीआई लखनऊ के डॉ. सुदीप कहते हैं कि इस ठंड के मौसम में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज सुबह सुबह की मानि’ग वाक से बचें और हो सके तो शाम को वाक या एक्सरसाइज करें और कम से कम इतना जरूर करें कि वॉक या एक्सरसाइज में आपके शरीर से पसीना निकलने लगे। इसके लिये जरूरी नहीं है कि आप खुले मैदान में जायें। आप किसी हेल्थ क्लब या अपने घर में भी व्यायाम कर सकते हैं और अपने को चुस्त-दुरूस्त रख सकते हैं।

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