ब्रेस्ट कैंसर के लिए जांच के बावजूद डॉक्टर 20 प्रतिशत मामलों की पहचान करने में चूक कर देते हैं.
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नई दिल्ली, दुनिया की हर आठ में से एक महिला को स्तन कैंसर (breast cancer) है. लेकिन अब इस बीमारी का जल्द पता चल जाएगा. एक नए शोध में पता चला है कि Google का आर्टिफियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) स्तन कैंसर को तुरंत पहचानने में पूरी तरह से सक्षम है. गूगल एक बार मेमोग्राफी स्क्रीनिंग देख कर तुरंत ब्रेस्ट कैंसर की सूचना दे सकता है. सबसे अच्छी बात ये है कि वैज्ञानिकों ने भी गूगल के इस तकनीक की सराहना की है.
डाक्टर भी चूक जाते हैं कई बार कैंसर पकड़ने में
वैज्ञानिकों ने पाया है कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए जांच के बावजूद डॉक्टर 20 प्रतिशत मामलों की पहचान करने में चूक कर देते हैं. इस वजह से ब्रेस्ट कैंसर का पता काफी देरी से होता है, जिसका इलाज मंहगा और तकलीफ देह भी हो जाता है. नेचर पत्रिका में छपे नए शोध के मुताबिक नया Google आर्टिफियल इंटेलिजेंस ब्रेस्ट कैंसर के स्क्रीनिंग की बेहद सटीक जांच रिपोर्ट बताता है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराने वाली आधी महिलाओं को इसके संक्रमण की गलत जानकारी तक दी जा चुकी है.
कैसे पता लगा गूगल के काबिलियत का
शोध के अनुसार कंपनी के AI युनिट ने कैंसर जल्दी पता लगाने पर एक प्रोग्राम शुरु किया. इसमें लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज और इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस के हजारों मेमोग्राफिक रिपोर्ट्स को शामिल किया गया. AI की परख करने के लिए कंपनी के वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के लगभग 25,856 और अमेरिका के 3097 रिपोर्ट्स की गहन जांच कराई. मशीन ने डाक्टरों के मुताबिक ज्यादा बेहतर नतीजे के साथ कैंसर के मामले दिखाए. डाक्टरों की रिपोर्ट में से मशीन ने लगभग 5.7 प्रतिशत कैंसर के मामलों को गलत भी साबित किया.