पेट की धमनियों को फटने से बचाती है ग्रीन टी
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पेट की धमनियों को फटने से बचाती है ग्रीन टी

ग्रीन टी के प्रति आपकी दीवानगी आपके पेट के धमनियों को टूटने से बचाती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर की मुख्य धमनियों का खतरनाक स्थिति में चले जाना धीमी मौत की मुख्य वजह होती है। निष्कर्ष बताता है कि ग्रीन टी का मुख्य घटक पॉलीफिनाल है। यह पेट के महाधमनी को टूटने से बचाने में मददगार होता है। इस स्थिति में मुख्य धमनी में ज्यादा खिंचाव आने से यह फूल जाती है।

पेट की धमनियों को फटने से बचाती है ग्रीन टी

टोक्यो : ग्रीन टी के प्रति आपकी दीवानगी आपके पेट के धमनियों को टूटने से बचाती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर की मुख्य धमनियों का खतरनाक स्थिति में चले जाना धीमी मौत की मुख्य वजह होती है। निष्कर्ष बताता है कि ग्रीन टी का मुख्य घटक पॉलीफिनाल है। यह पेट के महाधमनी को टूटने से बचाने में मददगार होता है। इस स्थिति में मुख्य धमनी में ज्यादा खिंचाव आने से यह फूल जाती है।

अध्ययन दल ने चूहों पर एंजाइम का प्रयोग कर उदर महाधमनी में टूटने की प्रक्रिया की शुरुआत कराई गई। इसमें यह बात सामने आई कि जो चूहे ग्रीन टी (पालीफिनाल) पी रहे थे उनमें टूटने की प्रक्रिया बहुत धीमी गति से हुई। जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के केंजी मिनाकाटा ने कहा, उदर महाधमनी में हो रही टूट पर अक्सर हम ध्यान नहीं देते, क्योंकि यह जब तक टूट नहीं जाती तब तक इनका कोई लक्षण नहीं दिखता।

ग्रीन टी पीने से इसमें मौजूद पालीफिनाल सूजन रोकने में मदद करने साथ ही इलास्टिन उत्पादन में मदद करता है। यही पेट की महाधमनी और धमनियों की दीवार टूटने की प्रमुख वजह है। क्योटो विश्वविद्यालय की इस लेख की प्रमुख शुजी सेटोजाकी ने बताया, हाल में देखा गया है कि ग्रीन टी में पाया जाने वाला पालीफिनाल इलास्टिन के पुनर्निमाण में मददगार है। यह एक जरूरी प्रोटीन है जो धमनियों को फैलाव और मजबूती देता है। 

पत्रिका 'वैस्कुलर सर्जरी' में प्रकाशित पत्र में मासुमोटो ने उल्लेख किया है, जापानी लोगों का जीवन चक्र दुनिया में सबसे लंबा होता है। अध्ययन बताता है कि यहां की करीब 80 फीसदी जनसंख्या रोजाना ग्रीन टी पीती है।

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