वाशिंगटन: ग्रीन टी को फायदेमंद तो माना ही जाता है, लेकिन इसके पीने वालों के लिए एक और अच्छी खबर है। एक ताजा शोध में पाया गया कि यह मुंह के कैंसर से लड़ने में भी कारगर हो सकता है। पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के खाद्य विज्ञानियों ने बताया कि ग्रीन टी में पाया जाने वाला एक तत्व ऐसी प्रक्रिया को शुरू करने में सक्षम है जो स्वस्थ कोशिकाओं को छोड़कर कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को मारती है।


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वैज्ञानिकों का कहना है कि इस शोध से मुंह के कैंसर के साथ अन्य कैंसर के इलाज के लिए भी नए रास्ते खुलने की संभावना बढ़ी है। ग्रीन टी में पाये जाने वाले एपिगैलोकेटचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) में कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को मारने की क्षमता होती है। सहायक प्रोफेसर जोशुआ लैंबर्ट ने बताया कि हालांकि अभी वैज्ञानिक ईजीसीजी की इस क्षमता का कारण नहीं समझ सके हैं। पता लगाया जा रहा है कि आखिर यह स्वस्थ कोशिकाओं को छोड़कर केवल कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को ही क्यों मारता है?