दुनियाभर में एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) संक्रमण और एचआईवी से संबंधित मौतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. लैंसेट एचआईवी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एचआईवी संक्रमणों में 22% और एचआईवी से संबंधित मौतों में 40% की कमी आई है. यह आंकड़े वैश्विक स्तर पर एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति को दर्शाते हैं, लेकिन यह भी चेतावनी देते हैं कि वर्तमान रुझानों के आधार पर 2030 तक एचआईवी को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल लग रहा है.


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अध्ययन में बताया गया है कि 40 मिलियन एचआईवी संक्रमित लोगों में से केवल तीन-चौथाई का ही वर्तमान में इलाज चल रहा है. हालांकि, सब-सहारा अफ्रीका में एचआईवी संक्रमण दर में गिरावट से वैश्विक प्रगति हुई है, जहां संक्रमण का खतरा 1995 के बाद से 60% तक कम हो गया है. वहीं, केंद्रीय यूरोप, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में एचआईवी संक्रमण बढ़ रहे हैं.


आंकड़ों की रोशनी में
1990 से 2021 तक के 204 देशों और क्षेत्रों में किए गए अध्ययन के मुताबिक, एचआईवी से संक्रमित लोगों की संख्या 2039 तक 44.4 मिलियन के चरम पर पहुंच सकती है और 2050 तक 43.4 मिलियन (4.34 करोड़) पर आ सकती है. हालांकि, अभी भी हर साल कम से कम 1 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हो रहे हैं.


स्थानीय और वैश्विक प्रयास
अध्ययन के लेखकों ने एचआईवी से संबंधित हेल्थ प्रोग्राम को मजबूत करने की सलाह देता है. इनमें यूएस प्रेसीडेंट्स इमरजेंसी प्लान फॉर एड्स रिलीफ (PEPFAR) और अन्य निवारक सेवाओं का विस्तार शामिल है.


2030 के लक्ष्य पर संकट
संयुक्त राष्ट्र की 2030 तक एचआईवी महामारी को समाप्त करने की योजना पर जोर देते हुए, अध्ययन ने एचआईवी की घटनाओं और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए नए रणनीतिक प्रयासों की जरूरत बताई है. अध्ययन में पहली बार एचआईवी संक्रमण की "लाइफटाइम प्रॉबेबिलिटी" और 'अनसप्रेस्ड वायरल लोड' जैसे मापदंडों का ग्लोबल अनुमान पेश किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि रोकथाम और उपचार कार्यक्रमों में तेजी लाकर ही इस महामारी से निपटा जा सकता है.