Benefits of Dhanurasana: रोज उठकर करें धनुरासन, हड्डियों में आएगा लचीलापन, सेहत के लिए मिलेंगे जबरदस्त लाभ
Benefits of Dhanurasana: इस खबर में हम आपको धनुरासन करने का सही तरीका और उससे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
Benefits of Dhanurasana: आज हम आपके लिए लेकर आए हैं धनुरासन के फायदे. जी हां, यह आसन सेहत के लिए बेहद लाभकारी है. धनुरासन एक ऐसा आसन है, जिसको करने पर शरीर की मुद्रा धनुष के समान दिखाई देती है. यही वजह है कि इसे धनुरासन कहा जाता है. यह पाचन तंत्र मजबूत करने और हड्डियों की मांसपेशियों का तापमान बढ़ाता है. इसके अलावा रीढ़ की हड्डियों में लचीलापन लाता है. धनुरासन करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते है। जैसे मधुमेह, कमर दर्द से राहत दिलाने में व जांधो की मांसपेशियो को मजबूत करने में लाभकारी होता है.
धनुरासन क्या हैं ? (What is (Bow Pose) Dhanurasana in Hindi)
धनुरासन सस्कृंत शब्द से मिलकर बनाया गया है। धनु का अर्थ धनुष व आसान का अर्थ मुद्रा है। यह आसान करने पर धनुष की मुद्रा बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहते है। धनुरासन करने से शरीर में चुस्ती बने रहती है और पाचन तंत्र व हड्डिया मजबूत बन सके। जिन लोगो को उच्च रक्तचाप है उनको यह आसान करने से बचना चाहिए। चलिए धनुरासन करने के तरीके के बारे में बताते है।
धनुरासन कितने प्रकार का होता है?
धनुरासन दो प्रकार के होते हैं, पूर्ण धनुरासन और अर्ध धनुरासन. पूर्ण धनुरासन करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है, लेकिन नियमित अभ्यास से इसे किया जा सकता है. जबकि अर्ध धनुरासन सभी के लिए करना आसान है. धनुरासन महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी है.
धनुरासन करने की विधि ? (How to do Dhanurasana in Hindi)
धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं.
घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं और अपने हाथ से दोनों टखनों को पकड़ें.
अब अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं.
अपने शरीर के भार को पेट के निचले हिस्से पर लेने का प्रयास करें.
पैरों को पकड़कर आगे की ओर शरीर को खींचने की कोशिश करें.
अपनी क्षमतानुसार लगभग 15-20 सेकेंड तक इस आसन को करें.
सांस को धीरे धीरे छोड़े और छाती, पैर को जमीन पर रख आराम करें.
धनुरासन करने के फायदे (Benefits of Dhanurasana in Hindi)
यह आसन डिप्रेशन के लक्षण को कम करने में फायदेमंद रहता है.
यह मोटापा को कम करता है और शरीर को संतुलित रखता है.
पेट की मांसपेशियो को मजबूत करने में प्रभावी होता है.
यह आसन मासपेशियों और हड्डियों को लचीला बनाता है.
पीठ या कमर दर्द जैसी समस्या से राहत दिलाने में मददगार
इस आसन को करने से हाथो व बाहों में कसावट बनी रहती है.
हिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है.
इसको करके रीढ़ की हड्डियों की मजबूत किया जा सकता है.
इस आसन से अपच, अजीर्ण और पेट के विकार भी दूर होते हैं.
इस आसन को करने से भूख बढ़ती है.
इन लोगों के लिए नहीं करना चाहिए धनुरासन?
जिन लोगों को कमर में दर्द है, पेट में दर्द और छाले हो, माइग्रेन अथवा सिरदर्द होने पर, उच्च और निम्न रक्तचाप की समस्या में इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए. गर्भवती महिलाएं भी इस आसन का अभ्यास न करें.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.