कई बार सुबह उठने के बाद गर्दन और कंधे के दर्द होता है. इसका कारण हैं, हमारे अजीबो-गरीब तरीके से सोना. इससे हमारे मांसपेशियों, लिगामेंट्स और जोड़ों को मोच या खिंचाव आ जाता है, जिससे हमें गर्दन और कंधे के दर्द होता है. अगर आपको भी गर्दन और कंधे के दर्द है तो ये योगासन करें. इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा.
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एक अच्छी नींद शरीर की मरम्मत करता है और आपको स्वास्थ्य को भी ठीक रखता है. हालांकि, कभी-कभी नींद से उठने के बाद गर्दन और कंधों में दर्द महसूस होता है. यह आपके अजीबो-गरीब तरीके से सोने के कारण हो सकता है, जिससे मांसपेशियों, लिगामेंट्स और जोड़ों को मोच या खिंचाव आ जाता है. मांसपेशियों पर मोच और खिंचाव विभिन्न प्रकार के दर्द पैदा कर सकतें हैं- जैसे सिरदर्द, बाहों की कमजोरी, गर्दन और कंधों में दर्द. इससे जहां दवा अस्थायी रूप से दर्द से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है, वहीं योग करने से गर्दन और कंधे के दर्द के लिए सबसे अच्छा तरीका है. योग शरीर को तीव्र शारीरिक गतिविधि प्रदान करता है, जो सक्रिय रहने और चलते रहने में मदद करता है.
गर्दन और कंधे के दर्द से राहत पाने के लिए ये योगासन करें
1. कैट-काऊ पोज: यह योग गर्दन और कंधों को मजबूत बनाता है. इसे करने के लिए पहले एक समतल जगह पर लेट जाएं. फिर हथेलियां को कंधों के नीचे सीधे रखें और घुटने कूल्हे की हड्डी के नीचे सीधे करें. अब सांस लेते हुए अपनी कमर में नीचे की ओर दबाव डालें. फिर सांस छोड़ते हुए अपने मेरुदंड (spinal cord) को आसमान की ओर खिंचाव दें. इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे 30 से 35 बार करें और फिर विश्राम करें.
2. स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पोज: माउंटेन पोज में खड़े हों. बाजुओं को ऊपर उठाते हुए सांस लें. सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और पेट को अंदर खींचे. हाथ को फर्श पर रखें और सिर को लटकने दें. इस दौरान गर्दन को रिलैक्स रखें. कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और धीरे से वापस आएं. इसको करने से गर्दन, रीढ़ और पीठ से तनाव दूर होता है. यह रीढ़ को लचीला और मजबूत भी रखता है.
3. सलम्बा भुजंगासन (sphinx pose): पेट के बल फर्श पर पंजों को सपाट करके और माथा चटाई पर टिकाकर लेट जाएं. हथेलियां नीचे की ओर रखते हुए हाथ को सामने की ओर तानें, फिर सांस लेते हुए सिर, छाती और पेट को धीरे-धीरे ऊपर उठाए (ध्यान रखें कि नाभि चटाई को छू रही हो). फिर धड़ को पीछे की ओर खींचे और बाजुओं के सहारे चटाई से ऊपर उठाएं. पैरों को साथ रखें और धीरे से सांस लें. इस पोज में कुछ देर रुकें और फिर रिलैक्स हो जाएं. इसे करने से छाती और कंधे फैलाते हैं. यह रीढ़ और गर्दन को भी मजबूत करता है.
सोने का सही तरीका
मूल रूप से 2 स्लीपिंग पोजीशन हैं, पीठ के बल या फिर एक साइड के बल पर सोना, जो कंधों और गर्दन पर कोई दिक्कत नहीं आती. सिर के नीचे एक फ्लैट तकिया का इस्तेमाल करें या फिर पीठ के बल लेटते समय गर्दन को सहारा देने के लिए नेक रोल का उपयोग कर सकते हैं. कड़े या ऊंचे तकिए से बचना हमेशा बेहतर होता है क्योंकि यह नींद के दौरान गर्दन को फ्लेक्स रख सकता है. इससे सुबह उठने के बाद अकड़न और दर्द हो सकता है.
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