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नई दिल्ली: यह बात तो आपने भी जरूर महसूस की होगी कि जब आप किसी दिन दोपहर के समय 30 से 40 मिनट की झपकी ले लेते हैं, तो उस दिन आप ज्यादा फुर्तीला महसूस करते हैं और काम में भी ज्यादा अलर्ट रहते हैं. यही कारण है कि बहुत से लोग 10 से 30 मिनट की नींद को पावर नैप (Power Nap) कहते हैं क्योंकि इससे शरीर को फिर से पूरी चुस्ती के साथ काम करने की पावर मिलती है. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दोपहर की नींद (Afternoon Nap) को खराब समझते हैं. उन्हें लगता है कि दोपहर में सोने से सुस्ती आती है, एनर्जी कम हो जाती है और यह किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है. लेकिन एक नई रिसर्च की मानें तो लंच के बाद दोपहर की झपकी आपके ब्रेन के लिए फायदेमंद हो सकती है.
BMJ (ब्रिटिश मेडिकल जर्नल) के जनरल साइकायट्री नाम के जर्नल में प्रकाशित इस नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने चीन के 2 हजार 200 लोगों को शामिल किया जिनकी उम्र 60 साल से अधिक थी. इस दौरान लोगों से उनकी झपकी लेने की आदत के बारे में पूछा गया और उसके बाद उनका Cognitive (संज्ञानात्मक) टेस्ट हुआ जिसमें उनकी याद्दाश्त (Memory) और लैंग्वेज स्किल्स जैसी चीजों को मापा गया. स्टडी में शामिल प्रतिभागियों में से 1 हजार 534 लोगों ने दोपहर में नियमित रूप से झपकी ली जबकि 689 लोगों ने नहीं. स्टडी के नतीजों से पता चला कि जिन लोगों ने रेग्युलरी दोपहर के समय झपकी ली उन बुजुर्गों में कॉग्निटिव फंक्शन बेहतर रहा उनकी तुलना में जिन्होंने झपकी नहीं ली.
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बुजुर्गों के लिए दोपहर की झपकी फायदेमंद तो है लेकिन आप कितनी देर की नींद लेते हैं इसका भी इसमें एक अहम रोल है. 30 से 90 मिनट की झपकी ब्रेन के फंक्शन्स (Brain Function) के लिए कई तरह से फायदेमंद है. लेकिन इससे अधिक या कम सोने से सोचने, समझने की क्षमता, याद्दाश्त बनाए रखने की क्षमता और कॉग्निशन से जुड़े कई और फंक्शन्स पर बुरा असर पड़ सकता है. जॉन हॉपकिन्स स्लीप डिसऑर्डर सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर चार्लीन गैमालडो कहती हैं, 'मैं नैपिंग यानी दोपहर में झपकी लेने को अच्छी चीज मानती हूं, लेकिन इसे जेनरलाइज नहीं किया जा सकता. यह व्यक्ति और उसके स्वयं के स्लीप साइकल और शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है.'
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हमें अलर्ट और फोकस रखने में किस तरह से फायदेमंद है दोपहर की झपकी इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि मस्तिष्क में नींद पैदा करने वाले जो अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं, झपकी लेने से उन्हें साफ करने में मदद मिलती है. अगर ऐसा न हो तो ये अपशिष्ट पदार्थ मस्तिष्क की गतिविधि को रोकते हैं. इसलिए झपकी मस्तिष्क के ऊर्जा भंडार को फिर से भरने में मदद करती है. कम समय के लिए ली जाने वाली छोटी झपकी, आपके ध्यान को फोकस और ध्यान लगाने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है जिससे मस्तिष्क के नेटवर्क में अस्थिरता को रोका जा सकता है.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)