सर्जरी कराने वाले व्यक्ति को तुलसी का सेवन बंद कर देना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को तुलसी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इसमें यूजेनॉल तत्व होता है. जिससे प्रेगनेंसी के दौरान तुलसी का सेवन गर्भाशय में संकुचन और मासिक धर्म शुरू होने का कारण बन सकता है, और मिसकैरेज (Miscerage) का खतरा बढ़ जाता है.
डायबिटीज या हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) (असामान्य रूप से ब्लड शुगर का लो लेवल) के मरीजों को तुलसी खतरनाक साबित हो सकती है. अगर वो मरीज शुगर की दवाइयां ले रहे हैं, साथ ही तुलसी का सेवन करें तो ब्लड शुगर में और ज्यादा कमी आ सकती है. डायबिटीज या शुगर के मरीज डाक्टर की सलाह पर तुलसी का सेवन करें.
तुलसी खाने से खून भी पतला पतला हो सकता है. खून को पतला करने वाली दवा (वॉरफैरिन या हेपारिन) खाने वाले शख्स को तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए. दवाइयों के साथ तुलसी के पत्ते खून को पतला करने की क्षमता तेज कर देते हैं.
हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों (शरीर में थायरायड हार्मोन थायरॉक्सिन के लो लेवल की समस्या) के लिए तुलसी बिल्कुल नहीं है. तुलसी थायरॉक्सिन के लेवल को कम करती है.
तुलसी की पत्तियों से ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का जमने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. सर्जरी के दौरान या फिर सर्जरी के बाद अधिक खून बहने का खतरा बढ़ जाता है. सर्जरी कराने वाले व्यक्ति को तुलसी का सेवन बंद कर देना चाहिए.
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