पूरा दिल्ली-एनसीआर स्मॉग की मोटी परत से ढक गया है. यहां की हवा बहुत गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. इसके सबसे बड़ा कारण है हरियाणा और पंजाब में जलाई गई पराली.
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Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर का पूरा क्षेत्र स्मॉग की मोटी परत से ढक गया है. यहां की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है. इससे दिल्ली और नोएडा के निवासियों को खुलकर सांस लेने में कठिनाई हो रही है और वे इससे बीमार भी पड़ रहे हैं. शुक्रवार को आनंद विहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 458 दर्ज किया गया, जिसे बहुत गंभीर माना जाता है.
रिपोर्ट का कहना है कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के कारण है दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब हुई है, जो हर साल इस समय के दौरान होती है. हरियाणा में खेत में आग ने 2000 के निशान को पार कर लिया है क्योंकि राज्य ने बुधवार को लगभग 88 पराली जला दी थी. इससे सभी पड़ोसी शहर और राज्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. सीपीसीबी ने कहा है कि अगले 5-6 दिनों तक एक्यूआई बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में रहेगा. दिल्ली को देश के सबसे प्रदूषित शहरों में भी गिना गया है क्योंकि इसका एक्यूआई 424 रिकॉर्ड किया गया.
वायु गुणवत्ता का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि बुधवार को प्रदूषण की समस्या भले ही कम हुई थी, लेकिन यह खेतों में आग की वजह से शहरों को परेशान करती रहेगी. सीपीसीबी ने कहा कि हवा की गुणवत्ता में यह भारी गिरावट न केवल गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को प्रभावित करती है, बल्कि स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित करती है.
वायु गुणवत्ता पर विशेषज्ञों की भविष्यवाणी
मौसम विभाग की ओर से भविष्यवाणी की गई है कि पूरे हफ्ते तक गुणवत्ता गंभीर बनी रहेगी. लेकिन, हवा की गति और दिशा बदलने के साथ ही सुधार हो सकता है. शिकागो यूनिवर्सिटी (EPIC) के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) में ऊर्जा नीति संस्थान ने यह भी कहा कि इस तरह की गंभीर गुणवत्ता से निवासियों की संभावित आयु लगभग 10 वर्षों तक कम हो सकती है. दिल्ली प्रदूषण समिति ने निवासियों को चेतावनी दी है कि 1 नवंबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने के कारण हवा की गुणवत्ता और भी गंभीर हो सकती है.
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