प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का सबसे सेंसिटिव समय होता है, जहां उनकी हर छोटी-बड़ी आदत का असर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. इस दौरान महिलाओं को एक काम नहीं करना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग पर गलत प्रभाव पड़े.
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प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का सबसे सेंसिटिव समय होता है, जहां उनकी हर छोटी-बड़ी आदत का असर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. इस दौरान महिलाएं अगर शराब का सेवन करती हैं, तो यह उनके बच्चे के दिमाग के विकास पर गहरा असर डाल सकता है. हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है कि प्रेग्नेंसी के दौरान सिर्फ एक गिलास शराब का सेवन भी बच्चे के ब्रेन के आकार को बदलने के लिए काफी है.
वियना के मेडिकल यूनिवर्सिटी में किए गए शोध में पाया गया कि शराब के संपर्क में आने से शिशु का दायां सुपिरियर टेम्पोरल सल्कस (STS) उथला हो सकता है. यह दिमाग का वह हिस्सा है, जो महसूस करने और भाषा सीखने की क्षमता को कंट्रोल करता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान कम मात्रा में शराब का सेवन भी दिमाग की संरचना और विकास को प्रभावित करता है.
शराब से कैसे बचें?
अध्ययन के प्रमुख लेखक और वियना मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पैट्रिक किनास्ट का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को शराब से पूरी तरह बचना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान शराब के सेवन से दिमाग की मैच्योरिटी में देरी हो सकती है और यह स्ट्रक्चरल बदलाव का कारण बन सकती है. यह सिर्फ बच्चे के मानसिक विकास पर ही नहीं, बल्कि उसके इमोशन और शारीरिक विकास पर भी नेगेटिव प्रभाव डालता है.
महिलाओं के लिए चेतावनी
डॉ. किनास्ट ने महिलाओं से अपील की है कि वे प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करें. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय लिया गया हर निर्णय बच्चे के भविष्य को प्रभावित करता है. इसलिए, प्रेग्नेंसी में हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त लाइफस्टाइळ को अपनाना बेहद जरूरी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.