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नई दिल्ली: गाय के दूध में अल्फा एस1-केसिन नाम का प्रोटीन पाया जाता है और कई बच्चों के शरीर में इस प्रोटीन के प्रति विशेष इम्यून रिऐक्शन (Immune Reaction) होने लगता है जिसे मिल्क एलर्जी के नाम से जाना जाता है. हालांकि कई बार बहुत से लोग गाय के दूध से होने वाली एलर्जी (Cow Milk Allergy) और लैक्टोज इन्टॉलरेंस (Lactose Intolerance) की समस्या के बीच कन्फ्यूज हो जाते हैं क्योंकि दोनों लक्षण मिलते जुलते होते हैं. लेकिन ये दोनों ही अलग-अलग बीमारियां हैं. बचपन में होने वाली एलर्जी के 90 प्रतिशत मामलों में एलर्जी के लिए गाय का दूध ही जिम्मेदार होता है.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) में प्रकाशित एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि गाय के दूध से एलर्जी बच्चों में जानलेवा रिऐक्शन दिखने का सबसे कॉमन कारण है और यह एलर्जी बच्चों के साथ ही वयस्कों को भी बड़ी संख्या में प्रभावित कर रही है. स्टडी में शामिल एक्सपर्ट्स की मानें तो स्कूल जाने वाली उम्र के करीब 26 प्रतिशत बच्चों में फूड एलर्जी (Food Allergy) के लिए गाय का दूध ही जिम्मेदार था. रिसर्च में यह बात भी सामने आयी कि बीते 20 सालों में गंभीर फूड एलर्जी की वजह से मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या 3 गुना बढ़ी है.
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इम्पीरियल कॉलेज लंदन के नैशनल हार्ट एंड लंग इंस्टिट्यूट के एक्सपर्ट्स ने इस स्टडी को किया और उन्होंने 1998 से 2018 के बीच 20 सालों के आंकड़ों की जांच की. इस दौरान पूरे यूके में करीब 1 लाख 18 हजार लोगों को एलर्जिक रिऐक्शन (Allergic Reaction) की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसमें से 30 हजार 700 मरीज फूड एलर्जी के थे. स्टडी के ऑथर्स की मानें तो बच्चों में फूड एलर्जी से होने वाली 26 प्रतिशत मौत के लिए गाय का दूध जिम्मेदार था जबकि वयस्कों में 5 प्रतिशत मौत के मामलों के लिए.
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-सांस लेते वक्त घरघराहट की आवाज आना (Wheezing)
-होंठ या मुंह के आसपास खुजली या सिहरन महसूस होना
-होंठ, जीभ या कंठ में सूजन होना
-खांसी आना
-जी मिचलाना या उल्टी आना
-सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होना
-त्वचा पर पित्ती यानी हाइव्स होना
-डायरिया या लूज मोशन जिसमें खून आए
-पेट में ऐंठन
-नाक और आंख से पानी आना