Swine Flu: कोरोना के मामलों के बाद अब एच1एन1 (H1N1) या इन्फ्लूएंजा ए और सांस संबंधी बीमारियों से जुड़े इन्फ्लूएंजा के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हालांकि अधिकतर मामले माइल्ड हैं लेकिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. 


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रेगुलर फ्लू जैसे लक्षण


 


H1N1 को स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है, इसके लक्षण एकदम रेगुलर मौसमी फ्लू जैसे होते हैं, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द, थकान और सिरदर्द. कोरोना की तरह ही स्वाइन फ्लू के गंभीर मामलों में भी निमोनिया और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिजीज सिंड्रोम देखने को मिल रहा है.


 


अस्पताल में बनाए जा रहे फ्लू कॉर्नर


 


आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के वरिष्ठ सलाहकार और नींद और श्वसन चिकित्सा के प्रमुख डॉ. अक्षय बुधराजा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वर्तमान में छह मरीजों का एच1एन1 का इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि एच1एन1 को फैलने से रोकने के लिए अस्पताल में फ्लू कोर्नर्स बनाए गए हैं जहां पर फ्लू से प्रभावित लोगों की खास देखभाल और इलाज किया जा रहा है.


 


स्वाइन फ्लू या कहें H1N1 के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज हम आपको इसके लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.


 


क्या हैं लक्षण?


 


स्वाइन फ्लू (H1N1) के लक्षण रेगुलर फ्लू की तरह ही होते हैं. कोई व्यक्ति अगर वायरस के संपर्क में आता है तो शरीर में 7 दिन में लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. आइए जानते हैं लक्षणों के बारे में.


 


  • बुखार


  • ठंड लगना


  • सिरदर्द


  • खांसी


  • गला खराब होना


  • शरीर या मांसपेशियों में दर्द


  • थकान


 


कैसा फैलता है वायरस?


 


H1N1 फ्लू संक्रामक फ्लू है जिसका मतलब है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो जाता है. जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो बूंदे हवा में चली जाती हैं और जब दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो वो भी संक्रमित हो जाता है. 


 


सबसे ज्यादा कौन है खतरे में ?


 


स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा खतरा इन लोगों का है.


 


1. प्रेगनेट महिलाएं


2. छोटे बच्चे


3. बुजुर्ग लोग


4. मोटापे से ग्रसित लोग


5. डायबिटीज पेशंट


 


कैसे करें बचाव?


स्वाइन फ्लू से बचने का एक उपाय है आप रेस्पिरेटरी हाइजीन का खास ध्यान रखना. इसके अलावा इन बातों का ध्यान जरूर रखें.


 


1. छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को रुमाल से जरूर ढकें.


2. हमेशा खांसते या छींकते समय अपने मुंह को जरूर ढक लें.


3. अपने हाथों को हमेशा साफ रखें. थोड़ी-थोड़ी देर में साबुन और पानी से हाथ धोएं.


4. अपनी आंखों, नाक या मुंह को बारबार छूने से बचें


5. अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें.


6. अगर आप स्वस्थ हैं तो किसी बीमार व्यक्ति से मिलने से बचें.


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.