कोरोना वायरस की पॉजिटिविटी दर (Positivity Rate) का कम होना अच्छा संकेत माना जाता है. वहीं पॉजिटिविटी दर का ज्यादा होना यह बताता है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
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नई दिल्लीः देश में कोरोना महामारी का संकट गहराया हुआ है. इस बीच एक टर्म हमें अक्सर सुनने को मिल रही है और ये टर्म है कोरोना वायरस की पॉजिटिविटी दर. सरकार की तरफ से जो आंकड़े पेश किए जाते हैं, उनमें भी इसका जिक्र होता है. तो आइए जानते हैं कि क्या होती है कोरोना वायरस की पॉजिटिविटी दर और संक्रमण की रोकथाम के लिए यह क्यों इतनी अहम है?
क्या है पॉजिटिविटी दर (Positivity Rate)
सामान्य तौर पर पॉजिटिविटी दर वो आंकड़ा है, जिससे यह पता चलता है कि किए जा रहे कुल टेस्ट में से कितने पॉजिटिव आ रहे हैं. पॉजिटिविटी दर का कम होना अच्छा संकेत माना जाता है. वहीं पॉजिटिविटी दर का ज्यादा होना यह बताता है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
कैसे होती है गणना
पॉजिटिविटी दर की गणना काफी मुश्किल काम है. इसकी वजह ये है कि कई बार लोग अपना कई बार कोरोना टेस्ट करा लेते हैं, जिससे सरकार को पॉजिटिविटी दर की गणना करने में मुश्किल होती है. इसके कई फार्मूले हैं लेकिन जो सबसे कॉमन फॉर्मूला है वो ये है कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या को कोरोना टेस्ट कराने वाले कुल लोगों की संख्या से डिवाइड करके 100 से गुणा कर दें. ऐसा करने पर जो संख्या मिलेगी, वो ही किसी इलाके की पॉजिटिविटी दर होगी.
all positive cases/total test done x100= positivity rate
यहां ये बात ध्यान रखने वाली है कि अगर किसी इलाके में पॉजिटिविटी दर 24 फीसदी है तो इसका मतलब ये नहीं है कि इस इलाके की 24 फीसदी जनता कोरोना पॉजिटिव है. बल्कि इसका मतलब ये है कि जो कुल टेस्ट हुए हैं, उनमें से 24 फीसदी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं.
क्या है नॉर्मल पॉजिटिविटी दर?
कोरोना महामारी की कोई नॉर्मल पॉजिटिविटी दर नहीं है. आदर्श स्थिति में तो जब यह जीरो हो जाएगी तभी इसे सामान्य माना जाएगा. लेकिन यह जितनी कम रहेगी उतना ही संक्रमण कम फैलेगा. कम पॉजिटिविटी दर पर सामान्य जीवन जारी रह सकता है लेकिन जैसे ही यह बढ़ेगी संक्रमण का खतरा बढ़ेगा और सरकार को लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने पर मजबूर होना पड़ेगा.
देश के विभिन्न राज्यों में कम हो रही पॉजिटिविटी दर लेकिन अभी भी हालात गंभीर
देश में कोरोना वायरल की पॉजिटिविटी दर कम हो रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को बताया है कि देश के 24 राज्यों में पॉजिटिविटी दर 15 प्रतिशत से अधिक है. वहीं 8 राज्यों में यह 5-15 फीसदी के बीच है. 4 राज्यों में हालात काफी बेहतर हैं और उनमें पॉजिटिविटी दर 5 फीसदी से भी कम है.