Why people commit suicide: लोग आखिर आत्महत्या जैसा कदम क्यों और कैसे उठा लेते हैं. इस खबर में हमने इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश की है.
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Why people commit suicide: हमारे देश में खुदकुशी या आत्महत्या पर ज्यादा खुलकर बातचीत नहीं की जाती. इस विषय पर लोग अक्सर बात करने से हिचकते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि जो लोग खुदकुशी करने के विचारों या जज़्बात से जूझ रहे होते हैं, वो किसी से बात नहीं कर पाते और खुद को अकेला महसूस करते हुए खुदकुशी के विकल्प को आखिरी हल मान बैठते हैं. ताज़ा मामले में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने बीते सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
महंत नरेंद्र गिरी का शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. महंत नरेंद्र गिरी से पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया था. इन दोनों मामलों से इतर हमने यह जानने की कोशिश की है कि लोग आखिर आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठा लेते हैं? इस बारे में हमने ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल के मनोचिकित्सक खुर्शीदा खातुन से खास बातचीत की है.
आत्महत्या के मूल कारण क्या होते हैं? (root causes of suicide)
सवाल- आखिर क्यों आत्महत्या कर लेते हैं लोग?
जवाब- मनोचिकित्सक खुर्शीदा खातुन ने इसके जवाब में कहा कि हर आत्महत्या के पीछे एक सामान्य वजह होती है और वह है मन में निराशा की गहरी भावनाएं. कई बार लोगों को ऐसा लगता है कि वे जिंदगी और हालात से पैदा हुई चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएंगे या उन समस्याओं का समाधान नहीं तलाश पाएंगे. इन हालात से घबराकर कई लोग आत्महत्या करने को ही एकमात्र समाधान समझ लेते हैं, जबकि समस्या वाकई अस्थायी होती है.
सवाल- मानसिक समस्याओं से ग्रस्त ही खुदकुशी के रास्ते पर जाते हैं?
जवाब- ये बात ठीक है कि खुदकुशी के ख्याल ज़्यादातर तभी आते हैं, जब आप किसी दुख, तनाव, नाउम्मीदी या हताशा से गुजर रहे होते हैं, लेकिन ये भी सच है कि हर बार खुदकुशी के कारण मानसिक समस्याएं नहीं होती, हालांकि जो भी लोग ऐसा कदम उठाते हैं, वो किसी न किसी वजह से परेशान रहते हैं. इसमें करियर में उतार-चढ़ाव, दूसरों को अपनी समस्या न बता पाना आदि वजहें शामिल हैं.
सवाल- कैसे पता चलेगा कि कोई आत्महत्या करने वाला है?
जवाब- जो लोग आत्महत्या के बारे में विचार करते हैं, उनके दिमाग में ये विचार महीनों से चलते हैं. ऐसे लोग बात करते-करते एकाएक खो जाते हैं. ऐसे लोग आत्महत्या से पहले अपने सभी करीबों लोगों से मिलना भी चाहते हैं. इसके लिए वे बार-बार मिलने का दबाव बनाते हैं. ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. याद रहे कि खुदकुशी का सबसे बड़ा कारण अकेलापन है.
सवाल- आत्महत्या की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है?
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.