'मधुमेह, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी खतरनाक बीमारियां स्लीपिंग डिसऑर्डर और अनियमित जीवनशैली की देन हो सकती हैं.'
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नई दिल्लीः बदलती जीवनशैली और काम के चलते होने वाली भागदौड़ के कारण पर्याप्त नींद तो जैसे लोगों के लिए एक सपना बन कर रह गई है. कभी काम तो कभी मोबाइल और कंप्यूटर लोगों की रातों की नींदे चोरी करती जा रही हैं. जिसके चलते लोग स्लीपिंग डिसऑर्डर और इससे होने वाली बीमारियों से घिरते जा रहे हैं. आज यानि 15 मार्च को 'वर्ल्ड स्लीप डे' है. इसलिए आज हम आपसे चर्चा कर रहे हैं स्लीपिंग डिसऑर्डर और इससे होने वाले नुकसानों के बारे में. बता दें स्लीपिंग डिसऑर्डर को लेकर हाल ही में एक सर्वे हुआ है, जो आपको चौंकाने के लिए काफी है. दरअसल, हाल ही में GOQii India ने World Sleeping Day पर एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि 'मधुमेह, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी खतरनाक बीमारियां स्लीपिंग डिसऑर्डर और अनियमित जीवनशैली की देन हो सकती हैं.'
गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर से महिलाओं को ये खतरा, जानकर हो जाएंगे हैरान
बता दें एक अध्ययन में GOQii India ने न्यूट्रीशन्स, पानी, तनाव, नींद, धूम्रपान और शराब की खपत के आधार पर लिंग और प्रमुख शहरों के अनुसार वर्गीकृत करके कुछ ग्रुप बनाए थे. जिसमें महिलाओं और पुरुषों के स्लीप पैटर्न का एनालिसिस किया गया. फिट इंडिया द्वारा किए इस अध्ययन में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए, जिनमें कहा गया है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा कम नींद लेती हैं और पुरुष महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा सुकून से सोते हैं. वहीं नींद को लेकर कुछ और भी खुलासे इस रिपोर्ट में हुए हैं, जो इस तरह से हैं-
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- पिछले साल की तुलना में कुल नींद 6.54 से बढ़कर 6.85 घंटे हो गई है.
- नींद के मामले में चेन्नई इस साल कोलकाता से आगे निकल कर पहली रैंक पर आ गया है, जिसमें कुल नींद 6.31 घंटे से बढ़कर 6.93 घंटे है.
- केवल 19% लोग जागने पर आराम और ताजगी महसूस करते हैं, जबकि 24% ने कहा कि वे जागने के बाद भी नींद महसूस करते हैं.
- महिलाओं की तुलना में पुरुषों को थोड़ी अधिक मात्रा में नींद आती है.
- पुरुषों को कम नींद आती है, जिससे परेशान नींद अधिक होती है
- युवा वयस्कों (20-30) को मात्रा और गुणवत्ता दोनों के मामले में सबसे अधिक नींद आती है, इसके बाद किशोर और वयस्क होते हैं.
- सीनियर्स (60+) और पुराने वयस्कों (45-60) को कम से कम मात्रा में नींद लेते देखा जाता है-
- 55% किशोरों ने कहा कि उन्हें गहरी नींद आती है, जबकि सीनियर्स में केवल 21% ने ही ऐसा कहा.
- लगभग 45% सीनियर्स नींद के बीच में उठते हैं, लेकिन तुरंत सो जाते हैं.