आतंकियों की दहशत के आगे जहां परिंदा तक नहीं था फड़फड़ाता, जम्मू-कश्मीर के उस लाल चौक में धूमधाम से मना अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
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आतंकियों की दहशत के आगे जहां परिंदा तक नहीं था फड़फड़ाता, जम्मू-कश्मीर के उस लाल चौक में धूमधाम से मना अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का माहौल 360 डिग्री बदल गया है. लाल चौक की बात करें तो जहां आतंकवादियों की दहशत के आगे पुलिसवालों की मौजूदगी में भी लोगों के मन में अनहोनी की आहट बनी रहती थी. यहां योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की छटा देखते बन रही थी.

आतंकियों की दहशत के आगे जहां परिंदा तक नहीं था फड़फड़ाता, जम्मू-कश्मीर के उस लाल चौक में धूमधाम से मना अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

International Yoga Day 2025: जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर (Srinagar) यानी लाल चौक अब शांति कार्यक्रमों, खासकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसे समारोहों के लिए एक आदर्श और महत्वपूर्ण स्पॉट में तब्दील हो गया है. साल 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से लाल चौक पर होने वाले कार्यक्रम क्षेत्र की शांति, एकता और कल्याण के केंद्र में आए सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाते हैं. पहली बार, 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर लाल चौक श्रीनगर के ऐतिहासिक घंटाघर क्षेत्र में समारोह आयोजित किया गया. लाल चौक समेत पूरे जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों में हजारों लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह में हिस्सा लिया.

कश्मीर तेजी से योग को जीवन का हिस्सा बना रहा

मुस्लिम बहुल होने के बावजूद, जम्मू और कश्मीर तेजी से योग को जीवन का हिस्सा बना रहा है. बीते कुछ सालों में योग समारोह में भाग लेने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. हर जिले में समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें ज्यादातर छात्र समुदाय शामिल हुए. लाल चौक में न केवल स्थानीय लोग बल्कि पर्यटक भी योग समारोह में शामिल हुए. संदेश शांति फैलाने का है. संदेश कश्मीर को एक स्वस्थ स्थान, एक शांतिपूर्ण स्थान बनाने का है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा, 'आज पूरा विश्व जश्न मना रहा है और अब कश्मीर घाटी के लोगों ने भी योग को अपना लिया है. हम लोगों ने ऐतिहासिक लाल चौक पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया और संदेश दिया कि योग स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है और अगर हम स्वस्थ होंगे तो पूरा देश फिट रहेगा. हम लोगों को बताना चाहते हैं कि कश्मीर में शांति है और घाटी में हालात अब ठीक हैं. और उन्हें कश्मीर वापस आना चाहिए.'

आज अलगाववाद का गढ़ रहे लाल चौक ने दुनिया भर के लोगों को संदेश दिया कि कश्मीर में शांति है और वे यहां आ सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में योग दिवस समारोह में पर्यटकों की भारी भागीदारी देखी गई. छात्रों ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली और तनाव मुक्त जीवन के लिए योग जरूरी है.

सैलानियों का बयान

हरियाणा से आए सैलानी सुमित ने कहा हम बहुत अच्छा लगा हम यहां घूमने आए थे और आज योगा दिवस पर हम भी कार्यक्रम में शामिल हुए.  रोज़ योगा करने के कई लाभ है सेहत ठीक हो गई है मेरी जबसे मैंने योग को अपनाया है.

हर गुजरते दिन के साथ योग की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, खास तौर पर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की पहल के बाद 2014 से कश्मीर में पिछले 11 सालों में योग बहुत तेजी से अपनाया जा रहा है. योग कश्मीर के युवाओं में बहुत लोकप्रिय है और यूथ सर्विस एंड स्पोर्ट्स विभाग रोजाना कई कक्षाएं संचालित कर रहा है.

स्कूली छात्र अयान फिरोज ने कहा, 'योगा जीवन बदल देता हैं हम रोज़ योगा करने की कोशिश करते है ताकि हम फिट रहे.'

370 खत्म होने के बाद बदल गई घाटी की फिजा

साल 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से लाल चौक समेत पूरे जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. यह अशांति के स्थल से एक पर्यटक-अनुकूल चौक में बदल गया है, जहां योग सत्र और स्वतंत्रता दिवस समारोह जैसे देशभक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस बीच, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू संभाग के उधमपुर जिले में आयोजित योग दिवस समारोह में शिरकत करते हुए योग के फायदे गिनाए.

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