Independence day: BJP के विज्ञापन से नेहरू आउट, पार्टी ने कहा जानबूझकर उठाया ये कदम; कांग्रेस तिलमिलाई
Advertisement

Independence day: BJP के विज्ञापन से नेहरू आउट, पार्टी ने कहा जानबूझकर उठाया ये कदम; कांग्रेस तिलमिलाई

Independence day 2022: भाजपा के सरकारी विज्ञापन से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाने के मामले में सियासी कोहराम मचा हुआ है. भाजपा ने कहा कि जानबूझकर नेहरू की तस्वीर विज्ञापन से हटाई गई है.

Independence day: BJP के विज्ञापन से नेहरू आउट, पार्टी ने कहा जानबूझकर उठाया ये कदम; कांग्रेस तिलमिलाई

Nehru out of BJP's Ad: कर्नाटक में स्वतंत्रता दिवस पर 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम को लेकर जारी सरकारी विज्ञापन में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर शामिल नहीं करने पर सियासी जंग छिड़ गई है. कर्नाटक भाजपा के राज्य महासचिव और एमएलसी रविकुमार ने सोमवार को कहा कि सरकारी विज्ञापन से पंडित नेहरू की तस्वीर को हटाना कोई भूल नहीं है बल्कि यह 'जानबूझकर' किया गया था, क्योंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने देश का विभाजन किया.

BJP के सरकारी विज्ञापन से नेहरू आउट

मीडिया से बात करते हुए रविकुमार ने कहा कि विज्ञापन में नेहरू की छवि को हटाना जानबूझकर किया गया था. गांधीजी ने कहा था कि आजादी के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए. हालांकि, नेहरू ने कांग्रेस को भंग नहीं किया. इन सभी कारणों से, हमने उनकी तस्वीर को यहां से (विज्ञापन से) हटा दिया है. रविकुमार ने रविवार को कहा था कि नेहरू ने गांधी जी की बात नहीं मानी और इससे देश का बंटवारा हुआ. इसलिए सरकारी विज्ञापन में उनकी तस्वीर को जानबूझकर हटा दिया गया है.

fallback

'सिद्धारमैया सोनिया गांधी की कठपुतली'

इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अपने शासनकाल के दौरान, टीपू सुल्तान ने कई मंदिरों को नष्ट कर दिया और लाखों लोगों को परिवर्तित कर दिया. कांग्रेस ने हिंदू विरोधी टीपू का चित्र क्यों लगाया? उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सिद्धारमैया सोनिया गांधी की 'कठपुतली' हैं. भाजपा नेता की यह प्रतिक्रिया तब आई जब कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का 'अपमान' करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से माफी की मांग की है.

सिद्धारमैया ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

इस पूरे घटनाक्रम पर सिद्धारमैया ने भी ट्वीट कर कहा कि जब हमने सोचा कि अंग्रेजों के साथ गुलामी समाप्त हो गई, तो कर्नाटक के मौजूदा सीएम ने यह दिखा कर सभी को गलत साबित कर दिया कि वह अभी भी आरएसएस के गुलाम हैं. आज के सरकारी विज्ञापन में पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में शामिल नहीं करना दिखाता है कि एक सीएम अपनी कुर्सी बचाने के लिए कितना नीचे गिर सकता है. एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा कि खुद को जेल से रिहा करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों से गुहार लगाने वाले सावरकर को अग्रिम पंक्ति में स्थान मिलता है. लेकिन, हाशिए के वर्गों की आवाज बनकर आजादी के लिए लड़ने वाले बाबा साहब को अंतिम पंक्ति में रखा गया. ये भाजपा की गिरी हुई सोच को दर्शाता है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news