Jammu Kashmir Tourist Places News: जम्मू कश्मीर में बंद पड़े 48 में से 16 पर्यटक स्थल दोबारा से खोल दिए गए हैं. इस फैसले से स्थानीय कारोबारी खुश हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अब पर्यटकों का उन्हें दोबारा से साथ मिल सकेगा.
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Tourist Places in Jammu and Kashmir Reopened: पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा की दृष्टि से जम्मू कश्मीर में 48 पर्यटक स्थल बंद कर दिए गए थे. इनमें से अब 16 स्थल दोबारा से खोले जा चुके हैं. जिसके बाद पर्यटकों का वहां पहुंचना शुरू हो गया है. इन पर्यटक स्थलों के खिलने से स्थानीय लोगों के चेहरे खिल गए हैं, जो पर्यटकों के न आने से बेरोजगार हो गए थे. स्थानीय लोगों से लेकर पर्यटक व्यापारियों और पर्यटकों ने कश्मीर को फिर से खोलने का स्वागत किया है.
प्रदेश में खोले गए 16 पर्यटक स्थल
लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा की ओर से घोषित इस फैसले का का मकसद पर्यटन को पुनर्जीवित करना और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को दोबारा से पटरी पर लाना है. कश्मीर में फिर से खोले गए स्थलों में शामिल हैं: बेताब घाटी, पहलगाम बाजार के पास पार्क, वेरीनाग गार्डन, कोकरनाग गार्डन, अचबल गार्डन (अनंतनाग जिला), बादामवारी पार्क, डक पार्क (निगीन झील के पास) और श्रीनगर में तकदीर पार्क (हजरतबल के पास). वहीं जम्मू में सरथल और धागर (कठुआ), देवीपिंडी, सियाद बाबा और सुला पार्क (रियासी), गुलदांडा और जय वैली (डोडा), और पंचेरी (उधमपुर) पर्यटक स्थल शामिल हैं.
इस निर्णय का पर्यटकों ने भी व्यापक रूप से स्वागत किया है. पर्यटक नीरज वर्मा ने कहा, 'यह अच्छा कदम है. इसे फिर से लोगों में सुरक्षा को लेकर भरोसा बहाल होगा. कश्मीर आए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. वे यहां आकर खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकते हैं.
टूरिस्ट अनिशा वर्मा ने कहा, यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है. यहां सब कुछ पर्यटन पर निर्भर है, इसलिए हमें अपने देश के लोगों का साथ देते हुए यहां आना चाहिए. पहलगाम की घटना के बाद फैले डर को दूर करने में इससे मदद मिलेगी.
स्थानीय लोगों ने जताई खुशी
स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों ने भी इस फैसले से राहत ली है. उनके काम धंधे ठप हो गए थे. घातक हमले के बाद से कश्मीर में पर्यटक व्यापारी लगातार बंद स्थलों को फिर से खोलने के लिए संघर्ष कर रहे थे, अब फिर से खुलने के बाद वे राहत महसूस कर रहे हैं.
मंजूर पख्तून (कश्मीर हाउसबोट उद्योग प्रमुख) ने कहा कि यह एक वेलकम स्टेप है. उम्मीद है है और डेस्टिनेशन खोले जाएंगे. आने वाले वक्त में अमरनाथ यात्रा और कश्मीर के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू होने से उम्मीद है कि आहिस्ता आहिस्ता पर्यटन पटरी पर आ जाएगा.
हालांकि सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने सुरक्षाबलों की तैनाती से लेकर तकनीक का पूरा सहारा लिया है ताकि कोई भी पहलगाम जैसी घटनाओं को दोहराने की हिम्मत न कर सके. पुराने और फिर से खोले गए स्थलों पर भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, जिनमें सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस शामिल हैं.
सुरक्षा के किए गए कड़े इंतजाम
इसके अलावा पर्यटन स्थलों पर रणनीतिक स्थानों पर उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी और एफआरएस कैमरे लगाए गए हैं. इनमें पार्किंग क्षेत्र, मुख्य मार्ग और पहलगाम और श्रीनगर में भीड़भाड़ वाले स्थान शामिल हैं. कैमरे 24/7 निगरानी के लिए नाइट विजन और मोशन डिटेक्शन से लैस हैं. लाइव सीसीटीवी फीड की निगरानी के लिए जिलों में केंद्रीकृत रूम स्थापित किए गए हैं. उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में संभावित खतरों की पहचान करने के लिए चेहरे की पहचान करने वाले कैमरे लगाए गए हैं क्योंकि वे पहले से ही ब्लैक लिस्टेड लोगों और उनके विवरणों के साथ फीड हैं.
वही सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस को सभी पर्यटक स्थलों पर तैनात किया गया है. सभी गंतव्यों पर पर्यटक पुलिस इकाइयाँ केवल पर्यटकों के लिए समर्पित रहेंगी. प्रशासन आने वाले हफ्तों में स्थिति की समीक्षा एक बार फिर करेगा, अगर सुरक्षा स्थिर रहती है तो फिर बाकी पर्यटक स्थलों को भी फिर से खोलने की संभावना पर विचार किया जाएगा. लगभग 32 पर्यटक स्थल अभी भी बंद हैं, जिन्हें सरकार के अनुसार चरणबद्ध तरीके से खोला जाना है.