17 साल का ये लड़का वाघा बॉर्डर के रास्ते लौटेगा पाकिस्तान, ये है पूरा मामला
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17 साल का ये लड़का वाघा बॉर्डर के रास्ते लौटेगा पाकिस्तान, ये है पूरा मामला

वकील गुरप्रीत संधू ने बताया कि गृह मंत्रालय के पत्र में साफ लिखा है कि मुबारक और पाकिस्तान के अन्य नागरिक को 14 जनवरी 2020 को 12 बजे अटारी वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान भेज दिया जाएगा.

मुबारक लौटेगा वतन

नई दिल्ली: पाकिस्तान के कसूर जिले के वजीरपुर का रहने वाला 17 साल का मुबश्शिर बिलाल उर्फ मुबारक अपने वतन पाकिस्तान लौटेगा. वकील गुरप्रीत संधू ने बताया कि 14 जनवरी 2020 को वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान जाएगा मुबारक. फिलहाल मुबारक होशियारपुर के जुवेनाइल ऑब्जरवेशन होम में है. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में ये मामला अटका हुआ है लेकिन इस बीच गृह मंत्रालय के एक पत्र ने मुबारक और उसके सहयोग में खड़े लोगों के चेहरों पर खुशी ला दी है.

वकील गुरप्रीत संधू ने बताया कि गृह मंत्रालय के पत्र में साफ लिखा है कि मुबारक और पाकिस्तान के अन्य नागरिक को 14 जनवरी 2020 को 12 बजे अटारी वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान भेज दिया जाएगा.मुबारक की तरफ से कोर्ट में पेश होने वाले वकील गुरप्रीत संधू ने बताया कि तरनतारन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में मुबारक का पक्ष वकील महिंदर पाल अरोड़ा ने रखा था और वहां बोर्ड ने फैसला सुनाते हुए माना था कि बिलाल फरवरी 2018  में कोहरे के कारण गलती से भारत की तरफ आ गया और उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को पुलिस द्वारा सिद्ध न करने पर बोर्ड ने उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया था.

बिलाल को जुवेनाइल कोर्ट से राहत मिले 1 साल से ज़्यादा हो गया लेकिन अभी भी बिलाल होशियारपुर के जुवेनाइल होम में है और उसने घर वापिसी के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील सत्यपाल जैन ने कोर्ट को बताया कि जब भारत और पाकिस्तान से जुड़े ऐसे मामले आते हैं तो एक प्रक्रिया होती है. बिलाल के मामले में वो प्रक्रिया जारी है जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 जनवरी के लिए स्थगित करते हुए केंद्र सरकार को स्टेटस रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. लेकिन इस बीच गृह मंत्रालय के पत्र से साफ हो गया कि 17 साल का बिलाल अपने मुल्क पाकिस्तान जा पाएगा. 

वकील गुरप्रीत संधू ने बताया कि बिलाल उर्फ मुबारक 28 फरवरी 2018 को गलती से अंतराष्ट्रीय बॉर्डर पारकर तरनतारन के खेमकरण गांव में पहुंच गया था. वकील के मुताबिक पिता से नाराज होकर मुबारक घर से निकल गया. उसका घर भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर है. रात में कोहरे के कारण उसे नहीं पता चला कि वो सरहद पार आ गया. बीएसफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया.   हालांकि 6 महीने बाद तरनतारन पुलिस ने जुविनाइल जस्टिस बोर्ड में आरोपपत्र पेश किया और सितम्बर 2018 में बोर्ड ने बिलाल को सभी आरोपों से रिहा कर दिया लेकिन उसके बाद भी वो अपने घर नहीं जा पाया. बोर्ड ने न सिर्फ बिलाल को सभी आरोपों से बरी किया था बल्कि खेमकरण सरहद पर न कोई गेट, न दीवार, न तार होने के साथ साथ कोहरा होने के कारण बिलाल दृारा गलती से बार्डर पार करने की बात भी कही थी.

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मुबारक के समर्थन में लोग

हालांकि बोर्ड दृारा फैसला सुनाए जाने के बाद से एक साल से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन बिलाल अभी जुवेनाइल होम में ही बंद है. और उसको रिलीज करवाने के लिए कई संस्थाएं अभियान भी चला चुकी हैं. सोशल मीडिया पर #releasemubarak का हैशटैग काफी सक्रिय भी रहा. वकील गुरप्रीत संधू ने बताया कि मुबारक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है. मुबारक के बारे में तब वकील हरपाल सिंह खारा को पता चला जब वो ननकाना साहिब गए और वहां किसी पत्रकार ने मुबारक के बारे में पूछा और उसके बाद मुबारक को उसके देश वापिस भेजने को लेकर एक अभियान सा चल गया.

गौरतलब है 17 साल के मुबश्शिर बिलाल उर्फ़ मुबारक ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और मांग की थी कि उन्हें उनके मुल्क भेजा जाए. पिछली सुनवाई के दौरान सीनियर वकील सत्यपाल जैन ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि जब भी ऐसे मामले भारत और पाकिस्तान के आते हैं तो देश-प्रत्यावर्तन की एक प्रक्रिया होती है जोकि जारी है. क्यूंकि इसमें एम्बेसी ,गृह मंत्रालय,विदेश मंत्रालय सब शामिल होते हैं.

मुबारक की फाइल गृह मंत्रालय के पास पहुंच चुकी है और प्रोसेस जारी है. यह विदेशी नागरिक का मामला है. जरूरी भी है कि पूरी प्रक्रिया के जरिए ही बिलाल को वापिस भेजा जाए क्यूंकि यदि कल को पाकिस्तान कहे वो हमारा नागरिक ही नहीं है तो ऐसे में और कई सवाल खड़े हो जाते हैं. उन्होंने बताया था कि कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया से जुडी लेटेस्ट स्टेटस रिपोर्ट 15 जनवरी को हाईकोर्ट में दाखिल करनी है. खैर अब अगली सुनवाई से पहले ही मुबारक अपने घर लौट जाएगा.  

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