दागी सांसदों और विधायकों में यूपी नंबर वन, मणिपुर और मिजोरम से सबक लें बड़े राज्य
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दागी सांसदों और विधायकों में यूपी नंबर वन, मणिपुर और मिजोरम से सबक लें बड़े राज्य

देश के 4896 सांसदों और विधायकों में से 1700 जनप्रतिनिधियों पर केस चल रहा है. दागी जनप्रतिनिधियों के मामले में यूपी नंबर वन, तमिलनाडु नंबर दो और बिहार तीसरे नंबर पर.

वर्तमान में दोषी जनप्रतिनिधि 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है (फाइल फोटो).

नई दिल्ली: बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से दागी नेताओं की लिस्ट मांगी थी. सरकार की लिस्ट से पता चला है कि देश के 1700 जनप्रतिनिधियों पर केस चल रहा है. अपने देश में विधायकों और सांसदों की कुल संख्या 4896 है. इनमें से करीब 36 फीसदी (1765) जनप्रतनिधियों के दामन साफ नहीं है. दागी जनप्रतिनिधियों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. उत्तर प्रदेश के 248 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं जबकि दूसरे नंबर पर तमिलनाडु के 178 सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. इस मामले में बिहार तीसरे नंबर पर है. बिहार के 144 सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

  1. यूपी के 248 सांसदों-विधायकों पर कुल 565 मुकदमे
  2. दिल्ली के 84 सांसदों-विधायकों पर कुल 128 मुकदमे
  3. बिहार के 44 सांसदों-विधायकों पर कुल 373 मुकदमे

दोषी पाए जाने पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी
दागी जनप्रतिनिधियों को लेकर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया था कि एक साल के भीतर सभी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मामले निपटाए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पिछले तीन सालों में सिर्फ 771 मुकदमों में ही ट्रायल पूरा हो सका है, जबकि 3045 केस में सुनवाई जारी है. 2014 से 2017 के बीच करीब 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. बीजेपी नेता ने आपराधिक मामलों में दोषी सांसदों और विधायकों पर आजीवन चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाने की मांग की थी. वर्तमान नियम के मुताबिक अगर किसी जनप्रतिनिधि के खिलाफ दोष साबित हो जाता है तो वह 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है.

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किस राज्य में कितने जनप्रतिनिधि दागदार?

  • मिजोरम:- किसी भी सांसद-विधायक के खिलाफ कोई भी मुकदमा लंबित नहीं.
  • मणिपुर:- किसी भी सांसद विधायक के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा लंबित नहीं.
  • उत्तर प्रदेश:- 248 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 565 मुकदमे. 26 निपट गए, 539 अभी भी लंबित.
  • दिल्ली:- 84 सांसदों-विधायकों पर कुल 128 मुकदमे. 10 निपट गए, 118 अभी लंबित.
  • बिहार:- 144 सांसदों-विधायकों पर कुल 373 मुकदमे. 67 निपट गए और 306 अभी लंबित.
  • उत्तराखंड:- 31 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 38 मुकदमे. 5 निपट गए, 33 अभी लंबित.
  • पश्चिम बंगाल:- 139 सांसदों- विधायकों के खिलाफ कुल 335 मुकदमे. 32 निपट गए, 303 अभी लंबित.
  • गुजरात:- 76 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 82 मुकदमे. 37 निपट गए और 45 अभी लंबित
  • हरियाणा:- 13 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 13 मुकदमे. 6 निपट गए 7 अभी लंबित.
  • हिमाचल प्रदेश:- 21 सांसदों-विधायकों पर कुल 48 मुकदमे. 9 निपट गए, 39 अभी लंबित.
  • जम्मू-कश्मीर:- 4 सांसदों- विधायकों पर कुल 10 मुकदमे. सभी लंबित.
  • झारखंड:- 79 सांसदों-विधायकों पर कुल 179 मुकदमे. 50 निपट गए, 129 लंबित.
  • पंजाब:- 19 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 29 मुकदमे. 2 निपट गए, 27 लंबित.
  • आंध्र प्रदेश:- 132 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 249 मुकदमे. 109 निपट गए, 140 अभी लंबित.
  • अरुणाचल प्रदेश:- 9 सांसदों- विधायकों पर कुल 11 मुकदमे. 5 निपट गए 6 अभी लंबित.
  • असम:- 37 सांसदों-विधायकों पर कुल 47 मुकदमे. 15 निपट गए, 32 अभी लंबित.
  • छत्तीसगढ़:- 4 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 5 मुकदमे. सभी लंबित.
  • कर्नाटक:- 82 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 165 मुकदमे. 28 निपट गए 137 लंबित.
  • केरल:- 144 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 533 मुकदमे. 160 निपट गए 373 लंबित.
  • मध्य प्रदेश :- 68 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 112 मुकदमे. 18 निपट गए 94 लंबित. 
  • मेघालय:- 6 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 8 मुकदमे. 2 निपट गए 6 अभी लंबित.
  • नगालैंड:- - 5 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 5 मुकदमे. 4 निपट गए, 1 अभी लंबित.
  • ओड़िशा:- 93 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 225 मुकदमे. 15 निपट गए, 210 अभी लंबित.
  • राजस्थान:- 62 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 76 मुकदमे. 32 निपट गए, 44 अभी लंबित.
  • सिक्किम:- 2 सांसदों-विधायकों के खिलाफ 2 मुकदमे. दोनों लंबित.
  • तमिलनाडु:- 178 सांसदों-विधायकों पर कुल 402 मुकदमे. 78 निपट गए, 324 अभी लंबित.
  • तेलंगाना:- 108 सांसदों-विधायकों पर कुल 153 मुकदमे. 50 निपट गए, 103 अभी लंबित.
  • त्रिपुरा:- 7 सांसदों-विधायकों पर कुल 23 मुकदमे. 9 निपट गए 14 अभी लंबित.

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