चीन की नई चालः डोकलाम के पास 1800 चीनी सैनिकों ने डाला डेरा
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चीन की नई चालः डोकलाम के पास 1800 चीनी सैनिकों ने डाला डेरा

भारत-भूटान सीमा पर डोकलाम के पास एक बार फिर चीनी सेना की मौजूदगी देखी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यहां 1600-1800 के बीच चीनी सैनिकों के होने की खबर है. चीन सैनिकों के यहां 110 बंकर देखे गए है.

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नई दिल्लीः भारत-भूटान सीमा पर डोकलाम के पास एक बार फिर चीनी सेना की मौजूदगी देखी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यहां 1600-1800 के बीच चीनी सैनिकों के होने की खबर है. चीन सैनिकों के यहां 110 बंकर देखे गए है. माना जा रहा है कि 28 अगस्त 2017 को 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद चीन को पीछे हटना पड़ा था. लेकिन चीन ने सर्दियां आते ही उसने अपनी हरकतें फिर से शुरू कर दी है. चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने इस इलाके में कड़ाके की ठंड की आड़ में अब अपनी गतिविधियां तेज कर दी है. डोकलाम के पास चीनी सैनिकों के करीब 386 ऐसे टैंट देखे गए हैं जिनमें 4 सैनिक ठहर सकते है. यानि करीब 772 सैनिक यहां रुके हो सकते है.

  1. डोकलाम के पास चीनी सेना के 110 बंकर देखे गए
  2. 59 ऐसे टैंट देखे गए हैं जिनमें 2 सैनिक रुक सकते है
  3. 386 ऐसे टैंट देखे गए हैं जिनमें 4 सैनिक ठहर सकते हैं

इसके अलावा यहां चीनी सेना के 59 ऐसे टैंट देखे गए हैं जिनमें 2 सैनिक रुक सकते है. यानि करीब 118 सैनिक यहां रुके हो सकते है. खबर है कि  चीनी सेना यहां हेलिपैड्स, रोड और शिविरों को बनाने का काम कर रहे हैं. डोकलाम के पास चीनी सेना की इतनी बड़ी संख्या में मौजूदगी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है. उनका कहना है कि अब चीन को दक्षिण की तरफ किसी भी हालत में सड़क का विस्तार नहीं करने दिया जाएगा. इस क्षेत्र में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवान स्थाई रूप से रहते हैं. भारत-भूटान सीमा पर डोकलाम के पास एक बार फिर चीनी सेना की मौजूदगी देखी गई है. देखें पूरी रिपोर्ट...

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खबर है कि सोमवार को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात होनी है, माना जा रहा है कि डोकलाम में चीनी सेना की गतिविधियों को लेकर भारत अपना विरोध दर्ज करवा सकता है. 

सर्दियों में डोकलाम के नजदीक सैनिकों को तैनात रखने का दिया संकेत
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही चीनी सेना ने सर्दियों के दौरान डोकलाम गतिरोध क्षेत्र के निकट अच्छी खासी संख्या में अपने सैनिकों की मौजूदगी रखने का संकेत दिया था. चीनी सेना ने दावा किया था कि वह क्षेत्र (डोकलाम)चीनी भूभाग में है. आधिकारिक विवरणों के अनुसार चीन और भारत दोनों अतीत में सर्दियों के मौसम के दौरान अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों को हटा लिया करते थे. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु छियान ने कहा, ‘‘डोंगलांग (डोकलाम) चीनी भूभाग है.’’ 

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उन्होंने यह बात तब कही जब उनसे उन खबरों के बारे में पूछा गया जिसमें कहा गया था कि डोकलाम गतिरोध वाले क्षेत्र में पीएलए अच्छी खासी संख्या में सैनिकों की तैनाती किये हुए है. ऐसा पूर्व की परिपाटी को खत्म करते हुए किया जा रहा है जब सर्दियों के दौरान सैनिकों को हटा लिया जाता था. उन्होंने कहा, ‘‘इस सिद्धांत के आधार पर हम खुद से सैनिकों की तैनाती के बारे में फैसला करेंगे.’’ 

भारत-चीन के बीच 73 दिनों तक था डोकलाम विवाद
गौरतलब है कि भारत और चीन ने 73 दिनों तक चले गतिरोध का गत 28 अगस्त को समाधान किया था जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारत के संकरे चिकेन नेक इलाके के करीब सामरिक सड़क का निर्माण रोक दिया था. यह इलाका पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ता है. भूटान भी डोकलाम क्षेत्र को अपना हिस्सा बताता है. भारत ने पीएलए द्वारा सड़क निर्माण किये जाने का विरोध किया था. उसने कहा था कि यह संकरे गलियारे की सुरक्षा को खतरे में डालता है. 

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