देश के वीरों के नाम का राजनीति के लिए हो रहा इस्तेमाल
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देश के वीरों के नाम का राजनीति के लिए हो रहा इस्तेमाल

हरियाणा (Haryana) में भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ग्रुप से अलग होकर दो नए संगठन हाल ही में बनाये गए हैं. इनके नाम भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) और भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) रखा गया है. एक की शुरुआत अंबाला से की गई है. वहीं, दूसरा संगठन करनाल में बनाया गया है.

फाइल फोटो

चंडीगढ़ः शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh) और सर छोटू राम (Sir Chhotu Ram) ने हमेशा राजनीति से दूर रहकर देश के किसान, दलितों और आम लोगो के हकों की लड़ाई लड़ी. यह वो लोग थे, जो देश और लोगों का उज्ज्वल भविष्य चाहते थे. हालांकि, अब इन दोनों के नामों को राजनीति के लिए इस्तेमाल किा जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार, हरियाणा में यूनियन के गुरनाम सिंह चढूनी ग्रुप से अलग होकर दो नए संगठन हाल ही में बनाये गए हैं. इनमें भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) की शुरुआत अंबाला से हुई है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) की शुरुआत हरियाणा के करनाल से की गई है.

  1. हरियाणा के करनाल और अंबाला में बने 2 नए किसान संगठन
  2. भारतीय किसान यूनियन से अलग होकर बने संगठन
  3. यूनियन में विवाद के बाद कुछ लोग हुए अलग

चुनाव को देखते हुए बने संगठन

सूत्र बताते हैं कि यह दोनों संगठन आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीतिक नजरिए से बनाये गए हैं. एक अहम बात यह है कि इन दोनों संगठन के लोगों का किसान यूनियन चढूनी ग्रुप से काफी मतभेद हुए और उसके बाद यह दोनों नए ग्रुप बनाए गए.

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राजनीतिक पार्टियों को मिलेगी मदद

दोनों संगठन अपने को मजबूत करने के प्रयास में लग गए हैं, ताकि आगामी चुनावों में वोटर्स को जोड़कर राजनीतिक पार्टियों को मदद की जाए. संगठन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों ग्रुप के लोग गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) के पंजाब में चुनाव लड़ने से खुश नही थे. इसके साथ ही चढूनी ग्रुप ने दोनों नए संगठनों के सदस्यों पर किसानों की मदद के लिए इकठ्ठे हुए पैसों की हेराफेरी का आरोप लगाया था.

विवाद के बाद बने दोनों संगठन

इसके बाद दोनों नए संगठन के लोगों और चढूनी ग्रुप के लोगों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि ये लोग अलग-अलग क्षेत्रों में अपने संगठन बनाकर चढूनी से अलग हो गए. संगठन से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि इन दोनों संगठनों को खड़ा करने में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के दिग्गज नेताओं का हाथ है ताकि आगामी हरियाणा चुनावों में आम आदमी पार्टी को फायदा मिल सके.

संगठन के जरिए आप साध सकती है निशाना

बताया जा रहा है कि दोनों संगठनों के कंधे पर बंदूक रख कर आम आदमी पार्टी अपने विरोधियों और सरकार पर निशाना साधने में लगी है. सूत्रों के मुताबिक आप पार्टी के दिग्गज नेताओं का प्लान यह है कि भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) और भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) दोनों संगठनों के आम किसानों को चेहरा बनाया जा सके और बिना अपनी संलिप्ता दिखाए सरकार के खिलाफ माहौल बनाकर आम आदमी की पार्टी के लिए राजनीतिक जमीन हरियाणा (Haryana) में तैयार की जा सके. 

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