BJP नेताओं की सांसद निधि से 3 गुना दामों में खरीदी गईं 200 ई-रिक्शा, AAP ने लगाया आरोप
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BJP नेताओं की सांसद निधि से 3 गुना दामों में खरीदी गईं 200 ई-रिक्शा, AAP ने लगाया आरोप

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली वालों को ई-रिक्शा खरीदने का कोई फायदा भी नहीं मिल रहा है, क्योंकि दो साल पहले खरीदी गई 200 गाड़ियां खड़ी-खड़ी कूड़े में तब्दील हो रही हैं. उन्होंने मनोज तिवारी से पूछा कि ई-रिक्शा खरीद में हुए भ्रष्टाचार का पैसा किसकी जेब में गया है? इस खरीद घोटाले में ईस्ट एमसीडी ने आपको या आपने ईस्ट एमसीडी को बेवकूफ बनाया.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को भाजपा (BJP) शासित ईस्ट MCD पर ई-रिक्शा खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जमकर हमला किया. विधायक ने कहा कि भाजपा नेता मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और महेश गिरि (Mahesh Giri) की सांसद निधि से आनन-फानन में 200 ई-रिक्शा तीन गुनी अधिक कीमत में खरीदे गए हैं. 

3 गुना दामों में ई-रिक्शा खरीदने का आरोप
उन्होंने बताया कि समान्य तौर पर एक ई-रिक्शा 60-70 हजार रुपए मिल जाता है, लेकिन भाजपा की ईस्ट एमसीडी ने एक ई-रिक्शा 2.25 लाख रुपये में खरीदा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली वालों को ई-रिक्शा खरीदने का कोई फायदा भी नहीं मिल रहा है, क्योंकि दो साल पहले खरीदी गई 200 गाड़ियां खड़ी-खड़ी कूड़े में तब्दील हो रही हैं. उन्होंने मनोज तिवारी से पूछा कि ई-रिक्शा खरीद में हुए भ्रष्टाचार का पैसा किसकी जेब में गया है? इस खरीद घोटाले में ईस्ट एमसीडी ने आपको या आपने ईस्ट एमसीडी को बेवकूफ बनाया. साथ ही ईस्ट एमसीडी के ब्रांड एंबेसडर सांसद गौतम गंभीर भी इस भ्रष्टाचार पर अपना रूख साफ करें.

60-70 हजार रुपये में आ जाती है ई-रिक्शा
भारद्वाज ने बताया, 'पूर्वी नगर निगम को जब मनोज तिवारी और महेश गिरी, दोनों सांसद थे, तब इन्होंने अपनी सांसद निधि से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां दी थीं. उन्होंने मनोज तिवारी व महेश गिरी के सांसद निधि से गाड़ियां खरीदी जाने के पेपर दिखाते हुए कहा कि नगर निगम के स्टोर में नई 200 गाड़ियां 2 साल से खड़ी-खड़ी कूड़ा हो रही हैं. इन गाड़ियों के विषय में कई सवाल निकलते हैं. यह गाड़ियां आनन-फानन में क्यों खरीदी गईं? बाजार में साधारण तौर पर ई-रिक्शा 65 से 70 हजार की आ जाता है. लेकिन सांसद निधि से यह एक ई-रिक्शा करीब 2.25 लाख रुपए की पड़ी है. जब आप एक खरीदते हैं, तो 60-70 हजार की मिलती है, जब आप 200 खरीदते हैं, तो आप सोचिए कि वह कितने की मिलनी चाहिए? आप सीधे गाड़ी निर्माता से खरीद सकते हैं. मगर यह ई-कार्ट सांसद निधि के फंड से वास्तविक दामों से 3 गुना अधिक कीमत में खरीदे गए हैं. ये ई-कार्ट पूर्वी नगर निगम ने मनोज तिवारी और महेश गिरी के फंड से खरीदी हैं. अब इससे कई सवाल पैदा होते हैं?

BJP नहीं दे पाती किसी आरोप पर सफाई
उन्होंने कहा कि हमारी ज्यादातर प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक तरफा मामला रहता है, उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता है. मैं चाहता हूं कि उनकी तरफ से जवाबदेही बने. हम रोज एमसीडी के भ्रष्टाचार की बड़ी-बड़ी बातें बताते हैं और भाजपा का नेतृत्व उसके ऊपर बात नहीं करता. मैं चाहता हूं कि भाजपा के नेतृत्व की जवाबदेही तय हो, क्योंकि नेतृत्व एक साल बाद वोट मांगने निकलेंगे. आदेश गुप्ता, मनोज तिवारी की जवाबदेही तय हो.

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