बीते 1 दशक में कौन सी राजनीतिक विचारधारा दुनिया पर दबदबा बनाने में कामयाब हुई?
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बीते 1 दशक में कौन सी राजनीतिक विचारधारा दुनिया पर दबदबा बनाने में कामयाब हुई?

वर्ष 2010 से लेकर 2019 आते-आते दुनिया के कई लोकतांत्रिक देश...दक्षिणपंथ (Right Wing Politics) की तरफ मुड़ गए. 2019 के खत्‍म होने तक यह विचारधारा पूरी दुनिया के लिए सामान्य हो गई.  

बीते 1 दशक में कौन सी राजनीतिक विचारधारा दुनिया पर दबदबा बनाने में कामयाब हुई?

2020 के आगाज के साथ ही राजनीतिक दृष्‍टिकोण के लिहाज से यदि पिछले दशक की तरफ मुड़ कर देखें तो ऐसा लगता है कि वर्ष 2010 से लेकर 2019 आते-आते दुनिया के कई लोकतांत्रिक देश...दक्षिणपंथ (Right Wing Politics) की तरफ मुड़ गए. 2019 के खत्‍म होने तक यह विचारधारा पूरी दुनिया के लिए सामान्य हो गई.  

ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के बोरिस जॉनसन का प्रधानमंत्री बनना, अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्‍ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना और भारत में बीजेपी के नरेंद्र मोदी का भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनना सशक्‍त नेताओं के मजबूत होने का उदाहरण है या फिर इस बात का सूचक है कि पूरी दुनिया में दक्षिणपंथ का उदय हो रहा है.

हैरानी की बात ये है कि इस दशक की शुरुआत में यानी वर्ष 2010 तक नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और बोरिस जॉनसन जैसे नेताओं की चर्चा बहुत कम हुआ करती थी. लेकिन अब ये तीन नेता मिलकर दुनिया की राजनीति को बदलने की ताकत रखते हैं.

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20 देशों में दक्षिणपंथी पार्टियों की सरकार
इस वक्त दुनिया के 20 ऐसे लोकतांत्रिक देश हैं जहां दक्षिणपंथी पार्टियों की सरकारें हैं. इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और जापान जैसे बड़े और शक्तिशाली देश भी शामिल हैं. इसके अलावा 13 देश हैं जहां दक्षिणपंथी पार्टियां सीधे तौर पर सरकार में तो शामिल नहीं है लेकिन इन देशों में दक्षिणपंथी विचारधारा (Right Wing) के राजनेता अभूतपूर्व तरीके से शक्तिशाली हुए हैं. इन देशों में फ्रांस, जर्मनी, इटली और दक्षिण कोरिया जैसे प्रभावशाली देश शामिल हैं.

इतना ही नहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त पूरी दुनिया में दक्षिणपंथ का सबसे बड़ा चेहरा हैं.

अगर अर्थव्यव्स्था के आकार सैन्य शक्ति और जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो ये चारों नेता इस वक्त दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता हैं और सभी में एक समानता ये है कि ये इस्लामिक आतंकवाद को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं. इन नेताओं ने इस्लाम के नाम पर आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि इन चारों नेताओं ने धार्मिक कट्टरता को बढ़ाया है. कुल मिलाकर पूरी दुनिया में दक्षिणपंथ नया ट्रेंड बन गया है और इसका सबसे बड़ा लक्षण (Feature) राष्ट्रवाद का विचार है.

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