ईरान में फंसे तमिलनाडु के 21 मछुआरे घर लौटे, सरकार को कहा- धन्यवाद
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ईरान में फंसे तमिलनाडु के 21 मछुआरे घर लौटे, सरकार को कहा- धन्यवाद

विभाग ने मछुआरों को उनके घर भेजने के लिए वाहनों का इंतजाम किया था. 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गत 31 जुलाई को ट्वीट किया था.(फाइल फोटो)

चेन्नई: ईरान में महीनों से वेतन, भोजन और आवास के बिना फंसे तमिलनाडु के 21 मछुआरे यहां पहुंच गए. सुबह की उड़ान से हवाईअड्डे पहुंचे मछुआरों को मत्स्य विभाग ने कन्याकुमारी सहित उनके पैतृक जिलों तक पहुंचाया. विभाग ने मछुआरों को उनके घर भेजने के लिए वाहनों का इंतजाम किया था. यहां एक मछुआरे ने संवाददाताओं को बताया कि ईरान में उसे और 20 अन्य को उनके नियोक्ता ने सड़क पर फेंक दिया था तथा उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उसने सरकार को धन्यवाद दिया जिसने उन्हें यहां वापस लाने के लिए कदम उठाए और राज्य सरकार से अपील की कि वह उन्हें अपने गृह नगरों में काम शुरू करने के लिए मदद उपलब्ध कराए.

इंटरनेशनल फिशरमेन डेवलपमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष पी जस्टिन एंटनी ने कहा था कि मछुआरे एक कंपनी के साथ हुई व्यवस्था के तहत एक वर्ष पहले ईरान गए थे.  उन्होंने कहा कि पीड़ितों ने विदेश जाने का निर्णय इसलिए किया क्योंकि स्वदेश में मछली पकड़ने का काम उतना लाभकारी नहीं रह गया था.

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने गत 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि वह ईरान स्थित भारतीय दूतावास को वहां फंसे मछुआरों को वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दें. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गत 31 जुलाई को ट्वीट किया था कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ईरान में फंसे तमिलनाडु के 21 मछुआरे ईरान स्थित भारतीय दूतावास के प्रयासों से रिहा हो गए हैं.  हम उन्हें तीन अगस्त से वापस लाना शुरू करेंगे. 

इनपुट भाषाा से भी 

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