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नयी दिल्ली: विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आरोपी द्रमुक नेता कनिमोई को इस महीने पांच दिन के लिये विदेश जाने की अनुमति दे दी है।
द्रमुक सांसद की 19 से 24 फरवरी तक की युगांडा और रवांडा की यात्रा को निजी के बजाय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा पाते हुए विशेष सीबीआई न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओपी सैनी ने उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दे दी। इन देशों की यात्रा के दौरान वह उपराष्ट्रपति के साथ प्रतिनिधिमंडल में होंगी।
अदालत ने उनके ऊपर कई शर्तें लगायीं और उनसे ढाई लाख रुपये का मुचलका जमा करने को कहा। बहरहाल, अदालत ने आरोपी को अपनी विदेश यात्रा के दौरान किसी साक्ष्य से छेड़छाड़ या किसी भी गवाह से संपर्क की कोशिश नहीं करने की चेतावनी दी है और अपने रकने के स्थान एवं टेलीफोन नंबरों की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा, ‘अदालत में पेशी को लेकर वह हमेशा से सजग रही हैं और उन्होंने कभी भी किसी को भी अपने आचरण पर सवाल उठाने का मौका नहीं दिया है। ऐसे में इस तरह का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है कि अनुमति मिलने पर वह अपनी विदेश यात्रा के दौरान इस स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल कर सकती हैं। लिहाजा, उनकी यह विदेश यात्रा निजी नहीं है, बल्कि यह आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है।’
अदालत ने यह माना कि मामला अंतिम जिरह के चरण में है और उनकी व्यक्तिगत मौजूदगी हमेशा जरूरी नहीं है। अपने आवेदन में द्रमुक नेता ने कहा था कि सांसद के रूप में कर्तव्यों के चलते उपराष्ट्रपति के साथ उनका जाना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा स्वाभाविक रूप से आधिकारिक है। सीबीआई ने शुरू में उनकी अर्जी का विरोध किया था, बहरहाल जांच एजेंसी ने माना कि सांसद की यात्रा से उसे कोई आपत्ति नहीं है।