नई दिल्ली: भारत में डॉटा ब्रीच (उल्लंघन) का औसतन मूल्य साल दर साल 7.29 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है. जहां पिछले साल यह दर 11.9 करोड़ रुपये थी, वहीं इस साल यह 12.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया हे. यह जानकारी आईबीएम (अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय तंत्र) ने अपने एक नए अध्ययन के आधार पर मंगलवार को दी हैं. 


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'कॉस्ट ऑफ ए डॉटा ब्रीच' की रिपोर्ट में कहा गया है कि पर केपिटा कोस्ट (प्रति व्यक्ति लागत) पर लॉस्ट ओर स्टॉलन (प्रति गुम या चोरी) का रिकॉर्ड 5,019 रुपये तक पहुंच गया है. रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि भारत में 51 प्रतिशत डॉटा ब्रीच का मूल कारण दुर्भावना और आपराधिक इरादे हैं. 


इसके अलावा, सिस्टम में हुई गड़बड़ के चलते 27 प्रतिशत और मानवीय त्रुटि के कारण 22 प्रतिशत ब्रीच की घटनाएं हुई हैं. आईबीएम इंडिया  के वैद्यनाथन अय्यर ने अपने एक बयान में कहा कि साइबर अपराधों के नेचर में भारत एक महत्वपूर्ण बदलाव देख रहा है, यह अब बहुत संगठित और सहयोगी है."


(इनपुट: एजेंसी-आईएएनएस)