PM Modi की ये है नई `टैक्स क्रांति`, वो 5 बड़ी बातें जिन्हें जानना है बेहद जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने आज `पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान` (Transparent Taxation – Honoring the Honest) मंच की शुरुआत की है. इस नए सिस्टम से देश के करदाताओं के लिए कई सहूलियतों दी जाएंगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने आज 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' (Transparent Taxation – Honoring the Honest) मंच की शुरुआत की है. इस नए सिस्टम से देश के करदाताओं के लिए कई सहूलियतों दी जाएंगी. उन्हें इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी, बेवजह के विवादों से भी छुटकारा मिलेगा. आपको बताते हैं वो पांच बड़ी बातें जिन्हें आपको जानना जरूरी है
नंबर 1
फेसलेस असेसमेंट (Faceless assesmant), फेसलेस अपील और टैक्सपेयर चार्टर की शुरुआत की गई है. इसका मतलब ये कि टैक्सपेयर को अपने टैक्स असेसमेंट (Tax Assesment) को लेकर टैक्सविभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे. अगर टैक्सपेयर को कोई शिकायत है तो उसकी अपील भी वो बिना किसी डर के IT विभाग के दफ्तर जाए बिना कर सकेगा. इसकी शुरुआत 25 सितंबर से होगी.
नंबर 2
इनकम टैक्स विभाग अब टैक्सपेयर की प्रतिष्ठा को ठेस नहीं पहुंचा सकेगा. आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की प्रतिष्ठा का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा. अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता.
नंबर 3
नए सिस्टम में मानवीय दखल को कम किया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा. जैसे कौन सा अधिकारी किस व्यक्ति का केस देखेगा अब ये भी कंप्यूटर के जरिए ही तय होगा. अभी जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है. स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है. लेकिन नए सिस्टम में हो सकता है कि जिस टैक्स अधिकारी किसी दूसरे राज्य का हो. ये किसी को पहले से पता नहीं होगा कि कौन सा अधिकारी किसका केस हैंडल करने जा रहा है.
नंबर 4
देश में टैक्स स्क्रूटनी में लगातार गिरावट आई है. पीएम मोदी ने बताया कि वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी. वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है. यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है. ये अपने आप में एक बड़ा बदलाव है.
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नंबर 5
ईमानदार टैक्सपेयर्स को डर और असुरक्षा के माहौल से निकालने के लिए पीएम मोदी ने ये बड़े ऐलान किए हैं. साथ ही उन्होंने उन लोगों को भी नसीहत दी है जो टैक्स नहीं जमा करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 'बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं. जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो अपनी मर्जी से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी. आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें.
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