कोलकाता: 'पड़ोसी प्रथम' की नीति को आगे बढ़ाते हुए भारत (India) जल्द ही बांग्लादेश (Bangladesh) के साथ 55 साल पुराने रेल मार्ग को बहाल करने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 17 दिसंबर को इस रेल मार्ग का उद्घाटन करेंगे. यह रेल मार्ग पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के हल्दीबाड़ी और पड़ोसी बांग्लादेश के चिल्हाटी (Haldibari - Chilhati) को आपस में जोड़ देगा. 


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12 किमी है हल्दीबाड़ी- चिल्हाटी की दूरी  
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NEFR) के अधिकारियों के मुताबिक हल्दीबाड़ी- चिल्हाटी (Haldibari - Chilhati) की दूरी करीब 12 किलोमीटर है. ये दोनों रेलवे स्टेशन  सिलीगुड़ी और कोलकाता के बीच पुराने ब्रॉड गेज रेलवे मार्ग पर बने हुए थे. इस रूट पर वर्ष 1965 तक ब्रॉडगेज रेल चलती थी. लेकिन 1965 में  भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ जाने के कारण यह रेल मार्ग बंद हो गया. 


55 साल बाद बहाल होगा हल्दीबाड़ी- चिल्हाटी (Haldibari - Chilhati) रूट
NEFR अधिकारियों के अनुसार भारत और बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच इस रेल मार्ग को 55 साल बाद फिर से बहाल किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी और शेख हसीना वर्चुअल तरीके से उदघाटन कर इस रेल लिंक को जनता को समर्पित करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक चिल्हाटी से हल्दीबाड़ी तक शुरू में एक मालगाड़ी चलेगी. बाद में हालात को देखते हुए इस रूट पर सवारी गाड़ी भी शुरू की जाएंगी. 


लोगों को आने-जाने में होगी समय की बचत
भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि जब इस रूट (Haldibari - Chilhati) पर पैसेंजर ट्रेन शुरू हो जाएगी तो कूच बिहार के जरिए उसे जलपाईगुड़ी से जोड़ दिया जाएगा और फिर उस रूट को कोलकाता तक बढ़ा दिया जाएगा. ऐसा करने से जलपाईगुड़ी से कोलकाता की 12 घंटे की दूरी घटकर 7 घंटे की रह जाएगी. 


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2021 में सिलिगुड़ी-ढाका के बीच शुरू होगी ट्रेन
सूत्रों के मुताबिक दोनों देश 2021 में सिलिगुड़ी और ढाका के बीच पैसेंजर ट्रेन चलाने की भी योजना है. ऐसा हुआ तो भारत-बांग्लादेश के बीच चलने वाली यह दूसरी पैसेंजर ट्रेन होगी. फिलहाल दोनों देशों के बीच कोलकाता से खुलना-ढाक के बीच एकमात्र मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन चलती है. 


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