भारत में 76% लोग कंपनी को छोड़ बाहर से कराते हैं एयर कंडीशनर की सर्विस, जानिए क्या है सबसे बड़ी वजह
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भारत में 76% लोग कंपनी को छोड़ बाहर से कराते हैं एयर कंडीशनर की सर्विस, जानिए क्या है सबसे बड़ी वजह

AC Survey: भीषण गर्मी में एसी ही लोगों को सबसे ज्यादा राहत देता है, लेकिन एसी की मेंटिनेंस इतनी आसान नहीं है. हाल ही में इसे लेकर एक सर्वे आया है जो काफी हैरान करता है. दरअसल, 76 प्रतिशत भारतीय तमाम जटिलता की वजह से एसी की सर्विस कंपनी से न करा के बाहर से कराते हैं. 

प्रतीकात्मक इमेज

Air Conditioners Common Problem: भीषण गर्मी ने सभी को परेशान कर रखा है. गर्मी से बचने के लिए अधिकतर लोग घरों में एयरकंडीशनर (एसी) लगवाते हैं. एसी लोगों को गर्मी से काफी राहत देता है, लेकिन इस राहत देने वाली चीज को ‘राहत’ देने के लिए कंपनियां ज्यादा गंभीर नजर नहीं आतीं. जी हां यहां हम बात कर रहे हैं एसी की सर्विसिंग की. हाल ही में इसे लेकर लोकल सर्कल नाम की संस्था ने एक सर्वे किया जिसमें काफी हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. सर्वे के मुताबिक, एयर कंडीशन वाले 76% उपभोक्ता अधिक कीमत, जटिल संपर्क प्रक्रिया और इसमें लगने वाले समय के कारण इसके निर्माता/कंपनी से सर्विस नहीं कराते हैं.

24 प्रतिशत भारतीय घरों में एसी या कूलर

भारत में घरेलू एसी बाजार प्रति वर्ष लगभग 5 मिलियन यूनिट तक जाने का अनुमान है. हालांकि भारत के अधिकतर शहरों में भीषण गर्मी की वजह से वास्तविक बिक्री इससे भी ज्यादा हो सकती है. रिसर्च के अनुसार, 24% भारतीय घरों में एयर कंडीशनर या कूलर है. इनमें से अधिकांश घर चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, उत्तराखंड व कुछ अन्य राज्यों में हैं. जिन लोगों के पास एसी और कूलर है उनमें से लगभग 40% शहरी एरिया में रहते हैं, जबकि 16% ग्रामीण एरिया में रहते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि भारत में मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा है, लेकिन प्रोडक्ट की सर्विसिंग और उस पर आने वाला खर्च उन्हें निराश करता है. इस साल लोकल सर्कल्स को एयर कंडीशनर निर्माताओं के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में कहा गया है कि बिक्री के बाद जब सेवा की बात आती है तो कंपनियां काफी स्लो रिस्पॉन्स देती हैं.

42000 लोग सर्वे में हुए शामिल

शिकायतों के बाद लोकल सर्कल ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर लोग कंडीशनर में दिक्कत आने पर उसकी सर्विसिंग कैसे कराते हैं. इसके लिए एक टीम ने सर्वे किया. ये सर्वे भारत के 302 जिलों में किया गया. इस दौरान 42,000 से अधिक लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गईं. इनमें करीब 65% पुरुष थे जबकि 35% महिलाएं थीं. सर्वे में शामिल 42% लोग टियर 1, 29% टियर 2 से, 29% लोग टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे. सर्वे के दौरान टीम ने पाया कि 76% उपभोक्ता जिनके पास एयर कंडीशनर हैं, वे उच्च लागत, जटिल संपर्क प्रक्रिया और इसमें लगने वाले समय के कारण निर्माता/कंपनी से सर्विस नहीं कराते हैं.

29% से ज्यादा लोग बाहर कराते हैं सर्विस

टीम ने लोगों से पहला सवाल पूछा कि, आप कंपनी से अपने घर पर एयर कंडीशनर ठीक क्यों नहीं करवाते? इस पर केवल 18% उपभोक्ताओं ने कहा कि वे कंपनी से एसी की सर्विस कराते हैं, जबकि 29 प्रतिशत ने बाहर से सर्विस की बात कही. इसके पीछे उन्होंने ऊपर बताए गए तर्क ही दिए. सर्वेक्षण में इस प्रश्न में 22,000 लोग शामिल हुए थे.

65% लोग ज्यादा लागत से परेशान

यदि उपभोक्ताओं द्वारा दिए गए कारणों का मूल्यांकन प्राथमिकता के क्रम में किया जाए, तो सामने आता है कि 65% लोग "उच्च लागत" के कारण निर्माता/कंपनी से एयर कंडीशनर की सर्विस नहीं कराते हैं. वहीं 36% लोग "जटिल संपर्क प्रक्रिया" की वजह से दूरी बनाते हैं. 32% लोग ज्यादा समय लगने की वजह से बाहर से सर्विस कराते हैं.

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3 में से 2 उपभोक्ताओं दे रहा 50% ओवरचार्ज

सर्वे के दौरान अगला सवाल कंपनी की सर्विस और बाहर के सर्विस में रेट के अंतर को लेकर किया गया. जवाब में, 23% ने कहा कि लोकल मिकैनिकों की तुलना में कंपनी का चार्ज 100% से अधिक है. 12% ने कहा कि यह चार्ज 75-100% अधिक है. 32% ने चार्ज में 50-75% का अंतर बताया. 12% ने इस चार्ज में 25-50% का अंतर बताया. वहीं, 15% उपभोक्ता ऐसे थे, जिन्होंने कहा कि उनके साथ कभी भी ओवरचार्ज नहीं हुआ है. 6% कोई जवाब नहीं दे पाए. निष्कर्ष बताते हैं कि 3 में से 2 उपभोक्ता जिनके पास एयर कंडीशनर हैं, उन्हें लोकल मिकैनिक की तुलना में सर्विस के लिए कंपनी को 50% अधिक शुल्क देना पड़ता है. इस सवाल में 20,891 प्रतिक्रियाएं मिलीं थीं.

लोगों ने की नियम बनाने की मांग

जनवरी 2022 में किए गए इस सर्वे में ये भी निकलकर आया कि कई कंपनियां बीच में अपनी वारंटी या सर्विस प्रोसेस को भी खत्म कर देती हैं. लोगों का कहना है कि, बीआईएस सफेद वस्तुओं की बिक्री के बाद ग्राहक सेवा के लिए एक ऐसा मानक और सीसीपीए ऐसे नियम जारी करे, जिससे प्रोडक्ट से जुड़ी समस्या का समाधान समय पर सुनिश्चित हो सके.

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