GST रिफंड के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले हो जाएं सावधान, चोरी की तो इस तरह होगा भंडाफोड़
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GST रिफंड के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले हो जाएं सावधान, चोरी की तो इस तरह होगा भंडाफोड़

स्क्रूटिनी में पाया गया है कि बड़े पैमाने पर इनवर्टेड ड्यूटी के रिफंड में खेल किया गया है. अब तक 27 हजार मामलों में 28 हजार करोड़ रुपए का रीफंड इनवर्टेड ड्यूटी के जरिए इस साल लिया गया है. 

वित्त मंत्रालय के जाल में फंसी बड़ी मछलियां

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के जाल में इस बार बड़ी मछलियां फंस गई हैं. GST रिफंड के फर्जीवाड़े में कुल 931 लोग फंसे हैं. दरअसल वित्त मंत्रालय के टैक्स चोरों पर सख्ती वाले प्लान के बाद डेटा एनालिसिस तेज हो गया है. स्क्रूटिनी में पाया गया है कि बड़े पैमाने पर इनवर्टेड ड्यूटी के रिफंड में खेल किया गया है. अब तक 27 हजार मामलों में 28 हजार करोड़ रुपए का रीफंड इनवर्टेड ड्यूटी के जरिए इस साल लिया गया है. 

लेकिन अब 931 मामले सामने आने के बाद सारे 27 हजार मामलों की स्क्रूटिनी होगी. राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे की अगुवाई में पिछले हफ्ते ही विभाग को टैक्स चोरों को फांसने के लिए पुख्ता जाल बिछाने का निर्देश दिया गया था. 

ये बात सामने आई कि ये टैक्स चोर कंपनियां/फर्म रीफंड लेने के बाद रातों रात गायब हो जाती थीं. 7164 फर्म के 6641 केस सामने आए हैं, इनसे अब तक 1057 करोड़ रुपए की रिकवरी हुई है.  

सबसे ज्यादा रीफंड फ्राड कोलकाता में हुए हैं. दूसरे नंबर पर दिल्ली, तीसरे पर जयपुर और पांचवे पर हरियाणा है. इनवर्टेड ड्यूटी को समझाते हुए टैक्स एक्सपर्ट जे के मित्तल कहते हैं कि ''इनवर्डेट ड्यूटी वो केस होता है जिसमें फिनिश्ड प्रोडक्ड की ड्यूटी कच्चे माल की ड्यूटी कम होती है. यानी कच्चे माल की ड्यूटी ज्यादा होने से टैक्स ज्यादा देना होता है और फाइनल प्रोडक्ट पर टैक्स कम देना होता है क्योंकि वो कम टैक्स ब्रेकेट में होता है.'' 

दिल्ली में हुए इस तरह के एक फ्राड में चोरों ने उत्तराखंड में फर्म बना रखी थी. हवाई चप्पल बनाने के नाम पर गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में घोस्ट कंपनियों को वो माल सप्लाई कर रहे थे. यहां चप्पल के कच्चे माल पर 18% जीएसटी और चप्पल पर 5% जीएसटी लग रहा था. इस इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की वजह से रीफंड मिल जाता है. इसी का नाजायज फायदा उठा रहे थे टैक्स चोर. इन्होंने 600 करोड़ रुपए का फर्जी क्रेडिट बना लिया था जिसे लेने की तैयारी थी, 27 करोड़ रुपए का रीफंड मांगा ही था कि जाल में फांस लिए गए और गिरफ्तार भी कर लिए गए. 

गुजरात में भी फ्राड का मामला सामने आया है. वहां 19 फर्म ने फर्जी बिल बनाकर इंटर स्टेट जीएसटी के लिए 55 करोड़ रुपए का रीफंड मांगा. इनमें दो फर्म सत्यम इंपेक्स, और आतिफ फैशन का नाम भी शामिल है. जांच में पता चला है कि दिहाड़ी पर मजदूर, कैजुअल वर्क के डाक्युमेंट लेकर उनके नाम 17 कंपनी रजिस्टर कर ली गई और फर्जी बिल के जरिए करोड़ों का कारोबार और रीफंड दिखाया जा रहा था. ये काम सही लगे इसके लिए वो घटिया क्वालिटी का टेक्सटाइल खरीदा भी करते थे और वैल्यू एड करके महंगे में खरीदा हुआ भी दिखाते थे. 

जीएसटी फ्राड में नामी गिरामी स्टार टैग वाले एक्सपोर्टर भी शामिल थे. ये रीफंड तो करोड़ों में ले रहे थे पर टैक्स कम चुका रहे थे. तो अगली बार से अगर किसी के मन में ये खयाल आए कि जीएसटी चोरी करके पैसा बनाया जा सकता है तो जरुर सोच लीजिएगा की CBIC सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज का जाल चोरी करते ही दरवाजे पर आकर पकड़ लेगा. 

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