पंजाब सरकार की ओर से निर्माणों के बारे में स्ट्टेस रिपोर्ट दाखिल करने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की पीठ ने पंजाब सरकार को अवैध निर्माणों को अगले चार महीने के अंदर गिराने के आदेश दिए हैं.
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चंडीगढ़: चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Chandigarh international Airport) की 100 मीटर की परिधि में 9 मार्च 2011 के बाद किए गए 98 निर्माणों पर बुलडोज़र चलना लगभग तय हो गया है. पंजाब सरकार की ओर से निर्माणों के बारे में स्ट्टेस रिपोर्ट दाखिल करने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की पीठ ने पंजाब सरकार को अवैध निर्माणों को अगले चार महीने के अंदर गिराने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि 100 मीटर की परिधि में मौजूद अवैध निर्माण गिराना तो ज़रूरी है, लेकिन मोहाली के डीसी सुनिश्ति करें कि सभी तय नियमों का पालन हो.
दरअसल, हाईकोर्ट के आदेशों पर पंजाब सरकार के मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित कमेटी की दो बैठकों के मिनट्स और एयरपोर्ट की 100 मीटर की परिधि में निर्माणों की स्टेटस रिपोर्ट दायर करते हुए पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कोर्ट को बताया कि 2011 में केन्द्र सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के बाद 100 मीटर की परिधि में 98 निर्माणों की पहचान की गई है. साथ ही इन्हें गिराने के संबंध में पंजाब सरकार और केन्द्र सरकार में कोई मतभेद नहीं है.
एजी ने इन निर्माणों को गिराने के लिए छह महीने की अवधि की मांग की परंतु हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इस कार्य के लिए चार महीने का समय दिया है. पंजाब सरकार की ओर से दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि 100 मीटर की परिधि में मौजूद अवैध निर्माणों को तीन श्रेणी में बांटा गया है. 9 मार्च 2011 की अधिसूचना जारी होने के बाद 98 निर्माण गिराए जाएंगे.
दूसरी श्रेणी में 2008 की नोटिफिकेशन के बाद और मार्च 2011 की नोटिफिकेशन के बीच बने 20 निर्माण और तीसरी श्रेणी में 2008 से पहले के बने 196 निर्माणों की पहचान की गई है.
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केंद्र सरकार के वकील चेतन मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि हाईकोर्ट ने 2011 से पहले हुए निर्माणों के संबंध में अगली सुनवाई पर फैसला लेने की बात कहते हुए पंजाब सरकार को निर्देश दिए हैं कि पहले 2011 की अधिसूचना के बाद चिन्हित किए जा चुके 98 निर्माणों को गिराया जाए. असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल ने बताया कि कैट- 3 और साउदर्न टैक्सी ट्रैक को वर्किंग परमिशन मिलने में हो रही देरी के बारे में कोर्ट को जानकारी दी गई कि कैट - 3 और साउदर्न टैक्सी ट्रैक को वर्किंग परमिशन मिलने में आ रही तकनीकी दिक्कतों पर रिवाइज्ड़ प्लॉन को रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है. इस पर हाईकोर्ट ने रक्षा सचिव को इस रिवाइज्ड़ प्लॉन पर दो सप्ताह में फैसला लेने के आदेश दिए है.
भारत सरकार के वकील चेतन मित्तल ने बताया कि सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आसियान देशों के साथ ओपन स्काई पॉलिसी के तहत आने वाले 18 एयरपोटर्स में शामिल करने की मांग भी कोर्ट में उठी. कोर्ट मित्र सीनियर एडवोकेट एम एल सरीन ने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार ने आसियान देशों के साथ ओपन स्काई नीति बनाई हुई है, जिसके तहत आसियान समूह के किसी भी देश के लिए नोटिफाई एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शूरू की जा सकती है.
सरीन ने कोट को बताया कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट को भी इन एयरपोर्ट्स में शामिल किए जाने से इन देशों से यहां के लिए उड़ानों की संख्या में काफी सुधार आ सकता है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिए हैं कि आसियान देशों के भारत के 18 एयरपोटर्स के साथ किए ओपन स्काई समझौते में चंडीगढ़ को शामिल करने पर कोई निर्णय लें.
बता दें हरियाणा सरकार की ओर से एयरपोर्ट के लिए अंडरपास की व्यवस्था किए जाने के संबंध में चेतन मित्तल ने अदालत को बताया कि अगर पंजाब और हरियाणा सरकारें मिलकर 100 मीटर के दायरे में सर्वेक्षण करके इसमें सड़क का निर्माण करवा दें तो अंडरपास बनाने में होने वाला लगभग 100 करोड़ का खर्च कम किया जा सकता है. मित्तल ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार ने इस विषय को चंडीगढ़ के प्रशासक के नेतृत्व में बनाई समिति के समक्ष भी उठाया है.