नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima) का विशेष महत्व है, जो गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है और इस दिन दान और गंगा स्नान का खास महत्व माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही प्रकाश पर्व और देव दीपावली भी है. गुरु पर्व यानि प्रकाश पर्व (Prakash Parv) का सिख धर्म में बहुत ही महत्व है.


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551वें प्रकाश पर्व पर सजे गुरुद्वारे
प्रकाश पर्व (Prakash Parv) दिन सिख धर्म में श्रद्धा रखने वाले लोग सच्चे मन से मत्था टेकने गुरुद्वारे पहुंचते हैं और गुरु नानक देव जी से आशीष लेते हैं. 551वें प्रकाश पर्व पर देशभर के गुरुद्वारों (Gurudwara) को सजाया गया है. प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारों में भजन कीर्तन और कथा प्रवचन के साथ धार्मिक अनुष्ठान होंगे.


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कैसे मनाई जाती हैं गुरु नानक जयंती
सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) की जयंती पर सभाओं को आयोजन किया जाता है और इन सभाओं में गुरु नानक देव के द्वारा दी गई शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है. इस दिन उनके जीवन के बारे में पाठ किया जाता है. इस दिन खासतौर पर सिख धर्म के प्रमुख ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है. इसके अलावा गुरु नानक जयंती से एक दिन पहले भी भजन-कीर्तन करते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है और गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया जाता है.


कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने के बाद दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है. कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के अलावा दीपदान और भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा देवी-देवताओं को प्रसन्न करने का दिन है. इसलिए इस दिन लोग दीपदान कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.


देव दीपावली भी मनाई जाती है
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन देव दीपावली (Dev Deepawali) भी मनाई जाती है. मान्यता है कि भगवान शिव ने इस दिन देवलोक पर हाहाकार मचाने वाले त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का संहार किया था और उसके वध की खुशी में देवताओं ने इसी दिन दीपावली मनाई थी. देव दीपावली के मौके पर वाराणसी में गंगा के 84 घाटों पर करीब 15 लाख दीए जलाए जाएंगे.