एक कपल सड़क पर घूम रहा था तभी उनकी निगाहें 100 साल पुराने एक कागज के टुकड़े पर पड़ी. यह संदेश 1910 और 1916 के बीच का बताया जा रहा है जिसे एक इन्फेंट्री सैनिक ने अपने सीनियर को जर्मन भाषा में लिखा था.
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नई दिल्लीः कबूतरों के जरिए संदेश भेजने की परंपरा काफी पुरानी है. फिल्मों में भी कई दफा प्रेमी युगल एक-दूसरे को संदेश भेजते दिखाई देते हैं. बताया जाता है कि 19 वीं सदी की शुरुआत में होने वाले पहले विश्वयुद्ध तक कबूतरों के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान होता था. इसी बीच एक बार फिर कबूतर द्वारा भेजे गए संदेश का किस्सा चर्चा में हैं. हाल ही में करीब 100 साल पहले कबूतर द्वारा भेजा गया संदेश मिला है जिसे एक प्रशियाई सिपाही (Prussian soldier) ने अपने सीनियर को कबूतर के जरिए भेजा था.
कपल को मिला 10 दशक पुराना संदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशिया के सिपाही का यह संदेश फ्रांस में सड़क पर घूम रहे एक कपल को मिला है. एक कपल सड़क पर घूम रहा था तभी उनकी निगाहें 100 साल पुराने एक कागज के टुकड़े पर पड़ी. यह संदेश 1910 और 1916 के बीच का बताया जा रहा है जिसे एक इन्फेंट्री सैनिक ने अपने सीनियर को जर्मन भाषा में लिखा था.
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म्यूजियम में रखा जाएगा सिपाही का खत
इस संदेश को स्थाई तौर पर पूर्वी फ्रांस के ऑर्बे में स्थित लिंगा म्यूजियम में प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा. संग्रहालय के अध्यक्ष डोमिनिक जार्डी ने यह जानकारी दी है कि सिपाही का यह संदेश प्रदर्शनी में रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि 1914 से 1918 तक प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लड़ी गई सबसे घातक लड़ाइयों में से एक थी. जार्डी ने बताया कि एक जर्मन मित्र ने उन्हें संदेश के कंटेट को डिकोड करने में मदद की है. कागज के टुकड़े और कैप्सूल को अब संग्रहालय की प्रदर्शनी एक स्थाई हिस्सा होगा.
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