राहुल गांधी ने बताया NDA और UPA के 'आधार में फर्क, नागरिकों के अधिकार से जोड़कर दिया ये बयान
Advertisement

राहुल गांधी ने बताया NDA और UPA के 'आधार में फर्क, नागरिकों के अधिकार से जोड़कर दिया ये बयान

आधार की डिटेल की गोपनीयता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मौजूदा सरकार पर हमला बोला है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आधार की गोपनीयता पर उठे सवाल के बीच केंद्र सरकार पर हमला किया है. तस्वीर साभार: राहुल गांधी ट्विटर पेज

नई दिल्ली: आधार की डिटेल की गोपनीयता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मौजूदा सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर समझाया है कि UPA और NDA के कार्यकाल में बनने वाले आधार कार्ड में क्या अंतर है और इसके मायने कैसे बदल गए हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा है, 'यूपीए का आधार= नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक स्वैच्छिक साधन. एनडीए का अधार = नागरिकों को निशक्त बनाने वाला अनिवार्य हथियार.' कांग्रेस केंद्र सरकार के इस रुख का विरोध कर रही है कि आधार को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए अनिवार्य बनाया जाए. कांग्रेस सरकार के समय आधार योजना शुरू हुई थी.

  1. राहुल गांधी ने यूपीए और एनडीए के दौर के आधार में बताया अंतर
  2. कहा, UPA का आधार= नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक स्वैच्छिक साधन
  3. कहा, एनडीए का अधार = नागरिकों को निशक्त बनाने वाला अनिवार्य हथियार

fallback

आधार की गोपनीयता पर सरकार का बेतुका बयान
आधार से जुड़े ब्यौरे में कथित तौर पर सेंध लगने को लेकर खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने इसी साल की 11 तारीख को कहा था कि देश में डिजिटल क्रांति के तहत विकास हो रहा है और इसे निजता की आड़ में खत्म नहीं किया जाना चाहिए. दूसरी तरफ, आधार योजना को अमलीजामा पहनाने वाले नंदन नीलेकणी ने कहा है कि यह इस योजना को बदनाम करने की ‘सुनियोजित मुहिम’ है.

ये भी पढ़ें: नारंगी पासपोर्ट : कांग्रेस ने कहा- भाजपा पर 'भगवा' का जुनून सवार है

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 12 अंकों के आधार का मजबूती से बचाव करते हुए कहा कि आधार सिस्टम में स्टोर किया हुआ फिंगर प्रिंट और आंखों की स्कैनिंग के डाटा सुरक्षित हैं तथा तमाम कोशिशों के बावजूद इसमें सेंध नहीं लगाई जा सकती.

अखबार में छपी थी आधार डाटा लीक होने की खबर
हाल ही में एक अखबार ने आधार डाटा में कथित तौर पर सेंध लगने का दावा किया था. इसके बाद पूरी आधार योजना को लेकर ही बहस शुरू हो गई थी. संबंधित अखबार ‘द ट्रिब्यून’ तथा इसकी रिपोर्टर के खिलाफ भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. उन्होंने यह अपील की कि निजी डाटा में कथित तौर पर सेंध लगने के मुद्दे को बहुत अधिक हवा नहीं दी जानी चाहिए. प्रसाद छठें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे.

ये भी पढ़ें: बीजेपी विधायक ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर कहे 'आपत्तिजनक' शब्द

उन्होंने कहा कि 1980 और 90 के दशक में भारत लाइसेंस राज की वजह से औद्योगिक और उद्यमी क्रांतियों से चूक गया है. उन्होंने न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा समिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘परंतु इसे (भारत को) डिजिटल क्रांति से नहीं चूकना चाहिए.’’ कानून मंत्री ने कहा, ‘‘यात्रा करना आपका निजी मामला है. परंतु अगर आप उड़ान जैसी सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करते हैं तो सबकुछ रिकॉर्ड हो जाता है. आप क्या खाते हैं वह आपका निजी मामला है, लेकिन आप रेस्तरां में खाते हैं तो यह बिल के माध्यम से रिकॉर्ड हो जाएगा. इसलिए निजता के मामले को बहुत अधिक हवा नहीं दी जानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि देश में जो नवोन्मेष हो रहा है उसे निजता की आड़ में खत्म नहीं किया जाना चाहिए.

ये भी देखे

Trending news