दिल्ली का बॉस कौन? सुप्रीम कोर्ट कर सकती है संविधान पीठ का गठन, AAP सरकार ने दी है हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती
Advertisement

दिल्ली का बॉस कौन? सुप्रीम कोर्ट कर सकती है संविधान पीठ का गठन, AAP सरकार ने दी है हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती

दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश कि उप राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्रशासनिक प्रमुख है, को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करने की सोमवार (17 अप्रैल) को उच्चतम न्यायालय से अपील की.

शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि इस मामले में कानून तथा संविधान से जुड़े अनेक अहम प्रश्न शामिल हैं इसलिए इस पर संविधान पीठ को निर्णय लेना चाहिए. (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश कि उप राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्रशासनिक प्रमुख है, को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करने की सोमवार (17 अप्रैल) को उच्चतम न्यायालय से अपील की.

प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूंड और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम को बताया कि वह पीठ के गठन पर जल्द ‘संभवत:’ ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विचार करेगी.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ के समक्ष मामले का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न संवैधानिक मुद्दों से निबटने के लिए वृहद पीठ के गठन के वास्ते सीजेआई को अपीलें भेजी गई हैं.

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिकाओं को 15 फरवरी को संविधान पीठ के पास भेज दिया था. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली राज्य नहीं हैं और उपराज्यपाल यहां का प्रशाानिक प्रमुख है.

शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि इस मामले में कानून तथा संविधान से जुड़े अनेक अहम प्रश्न शामिल हैं इसलिए इस पर संविधान पीठ को निर्णय लेना चाहिए.

हालांकि उसने इस मामले में कोई प्रश्न नहीं तैयार किए जिन पर संविधान पीठ से राय ली जानी चाहिए लेकिन केन्द्र औेर दिल्ली सरकार से अपना मामला वृहद पीठ के समक्ष ले जाने को कहा.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने दो फरवरी को अदालत से कहा था कि विधानसभा के दायरे में आने वाले मामलों के संबंध में उसके पास विशेष शासकीय अधिकार हैं और इनमें केन्द्र, राष्ट्रपति और उप राज्यपाल दखल नहीं दे सकते.

Trending news