अब 24 डि‍ग्री से कम नहीं कर सकेंगे AC का टेंपरेचर! सरकार बनाएगी नियम, बचेंगे करोड़ों रुपए
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अब 24 डि‍ग्री से कम नहीं कर सकेंगे AC का टेंपरेचर! सरकार बनाएगी नियम, बचेंगे करोड़ों रुपए

माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से करीब 20 अरब यूनिट सालाना बिजली की बचत होगी.

अब 24 डि‍ग्री से कम नहीं कर सकेंगे AC का टेंपरेचर! सरकार बनाएगी नियम, बचेंगे करोड़ों रुपए

नई दिल्ली : आने वाले समय में आपके अपने घर या ऑफिस में एसी का तापमान 24 डिग्री निर्धारित हो जाएगा. सरकार इसके लिए शुरुआत में एक वैकल्पिक नियम बनाने जा रही है. इसके अनुसार, ऊर्जा मंत्रालय एयर कंडीशनर के लिए टेंप्रेचर का स्तर 24 डिग्री निर्धारित कर सकता है. सरकार ने AC में बिजली खर्च को कम करने के मकसद से ये बड़ा फैसला लेने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से करीब 20 अरब यूनिट सालाना बिजली की बचत होगी.

  1. 20 अरब यूनिट सालाना की बचत हो सकती है इस निर्णय से
  2. शुरुआत के दिनों में इस नियम को वैकल्पिक नियम के तौर पर बनाया जाएगा
  3. बाद में सरकार इसे सभी के लिए अनिवार्य कर सकती है

सरकार के इस निर्णय के साथ ही AC के लिए 24 डिग्री सेल्सियस तापमान डिफॉल्ट सेटिंग हो जाएगा. मतलब जब भी आप AC स्टार्ट करेंगे तो वह अपने आप 24 डिग्री पर ही स्टार्ट होगा.  सरकार गाइडलाइन के तौर पर बताएगी कि आपके शरीर के लिए 24 डिग्री तापमान बिल्कुल सही है. ये आपकी सेहत और जेब दोनों के लिए अच्छा है. सरकार ने सभी AC मैन्युफैक्चर्स को इसे लागू करने के लिए कहा है. शुरुआत में इसे 4-5 महीने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर लागू किया जाएगा. उसके बाद इसे सभी के लिए जरूरी कर दिया जाएगा.

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ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के मुताबिक मानव शरीर का तापमान सामान्य तौर पर 36-37 डिग्री सेल्सियस होता है. लेकिन देश में ज्यादातर कॉमर्शियल ऑफिस, रेस्त्रां, होटेल्स एसी का तापमान 18-21 डिग्री रखते हैं. इसकी जरूरत नहीं होती है. सरकार के मुताबिक एयर कंडिशनर  में एक डिग्री टेम्प्रेचर बढ़ाने से इलेक्ट्रिसिटी खपत में 6 प्रतिशत की बचत होती है. अगर सभी लोग इसे अडॉप्ट करें तो हर साल 20 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है.

जापान जैसे कई देशों में है एसी के लिए नियम
देखा गया है कि होटल तथा दफ्तरों में तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है. यह तकलीफदेह तो है ही बल्कि शरीर के लिए भी हानिकारक है. इस तापमान में लोगों को गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं या कंबल का उपयोग करना होता है. इसको देखते हुए जापान जैसे कुछ देशों में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रखने के लिये नियमन बनाये गये हैं.

पहले चलाया जाएगा एक जागरुकता अभियान
ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार,  ''4 से 6 महीने के जागरूकता अभियान के बाद लोगों की राय जानने के लिये सर्वे किया जाएगा. उसके बाद मंत्रालय इसे अनिवार्य करने पर विचार करेगा. अगर सभी ग्राहक इसे अपनाते हैं तो एक साल में ही 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी.

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