नई दिल्ली: भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ दो वैक्सीन (Vaccine) को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसके साथ ही कई विवाद भी सामने आने लगे हैं. स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को पानी जैसा बताने पर सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने ट्वीट कर सफाई दी है.


'गलत जानकारी फैलने पर देंगे ज्वाइंट स्टेटमेंट'


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अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं दो बातें स्पष्ट करना चाहता हूं, क्योंकि सार्वजनिक रूप से भ्रम की स्थिति है. सभी देशों को वैक्सीन के निर्यात की अनुमति है और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के संबंध में कोई भी गलत जानकारी फैलने पर ज्वाइंट पब्लिक स्टेटमेंट दिया जाएगा.'



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क्या है पूरा विवाद?


दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोना के खिलाफ केवल तीन टीके प्रभावी हैं- फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, जबकि बाकी सिर्फ 'पानी की तरह सुरक्षित' हैं.


भारत बायोटेक ने जताई नाराजगी


अदार पूनावाला के बयान के बाद विवाद शुरू हो गया और इसको स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) से जोड़कर देखा जाने लगा. इसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के CMD कृष्णा इल्ला ने नाराजगी जताई और कहा, 'हम 200 फीसदी ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण करते हैं और फिर भी हमें बैकलैश मिलता है. अगर मैं गलत हूं तो मुझे बताओ. कुछ कंपनियों ने हमारे टीके को 'पानी' की तरह बताया है. मैं इससे इनकार करना चाहता हूं. हम वैज्ञानिक हैं. हमारे ट्रायल पर कोई सवाल ना उठाए.'


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