महिला पत्रकारों को बाहर रखने के विवाद के बाद अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने नई प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. इस बार उन्होंने महिलाओं को भी न्योता दिया है. यह कदम उनकी आलोचनाओं को शांत करने और समावेशिता दिखाने की कोशिश माना जा रहा ह.
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Amir Khan Muttaqi: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी एक बार फिर सुर्खियों में हैं. शुक्रवार को हुई उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर उठे विवाद के बाद अब उन्होंने रविवार को एक नई प्रेस मीट का ऐलान किया है. इस बार मुत्ताकी ने महिलाओं को भी आमंत्रित किया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है. मुत्ताकी फिलहाल भारत के दौरे पर हैं और उनके इस कदम को आलोचनाओं को शांत करने की कोशिश माना जा रहा है. यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है, जब से तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता संभाली है.
पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हुआ था बवाल
मुत्ताकी की शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस विवादों में आ गए थे दरअसल, उस कार्यक्रम में किसी भी महिला पत्रकार को बुलाया नहीं गया था. इवेंट की तस्वीरें सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि वहां केवल पुरुष पत्रकार मौजूद थे. इस पर विपक्षी नेताओं, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संघों ने कड़ा विरोध जताया. लोगों ने इसे तालिबान की महिला-विरोधी नीतियों का प्रतीक बताया. सोशल मीडिया पर इसे लेकर जमकर नाराजगी देखी गई और कई लोगों ने भारत सरकार से भी सवाल उठाए.
अब ‘इनक्लूसिव’ प्रेस मीट का न्योता
बढ़ते विवाद और आलोचनाओं के बीच मुत्ताकी की टीम ने रविवार को एक नई प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान किया है. इस बार कहा गया है कि यह प्रेस मीट “इनक्लूसिव” यानी सभी पत्रकारों के लिए खुली होगी. सूत्रों के मुताबित, महिला पत्रकारों को भी औपचारिक न्योता भेजा गया है. मुत्ताकी का यह कदम उनकी छवि सुधारने और आलोचनाओं को कम करने की दिशा में देखा जा रहा है. अफगान सरकार भी इसे एक “सकारात्मक संकेत” के तौर पर पेश कर रही है कि तालिबान अब क्षेत्रीय संवाद में समावेशिता दिखाना चाहता है.
महिलाओं के अधिकारों पर जारी है विवाद
हालांकि मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर उठाए गए कदम से यह सवाल खत्म नहीं होते कि तालिबान की सरकार महिलाओं को कितनी आजादी दे रही है. 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जीवन में भागीदारी पर कई पाबंदियां लगाई हैं. संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इसे लेकर चिंता जताई है. मुत्ताकी की भारत यात्रा के जरिए तालिबान क्षेत्रीय देशों से फिर जुड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन महिलाओं के अधिकारों पर उनकी नीति अब भी सबसे बड़ा सवाल बनी हुई है.